Bareilly : एनिमल्स और क्रॉप्स को इंसेक्ट्स से बचाने के लिए लार्ज लेवल पर पेस्टीसाइड का यूज किया जाता है. कई बार इन पेस्टीसाइड्स के साइडइफेक्ट्स से कई सीवियर डिजीज हो जाती हैं और ह्यूमन के इंपॉर्टेंट ऑर्गन इससे अफेक्ट हो जाते हैं. फॉर्मिंग इंड्रस्टी में इन पेस्टीसाइड्स के यूज को लेकर लंबे समय से चर्चा जारी है. आईवीआरआई में इस प्रॉŽलम को दूर करने के लिए पेस्टीसाइड्स में यूज होने वाले सिंथेटिक ड्रग्स की जगह हर्बल ड्रग्स के इस्तेमाल पर रिसर्च की जा रही है.


Animals पर researchआईवीआरआई के साइंटिस्ट्स फिलहाल एनिमल्स में पाए जाने वाले इंसेक्ट्स को मारने के लिए हर्Žाल्स के यूज पर रिसर्च कर रहे हैं। साइंटिस्ट्स का कहना है कि उन्होंने पूरे देश में घूम कर एक रिपोर्ट तैयारी की है, इसके मुताबिक कई स्टेट्स में एनिमल्स में ऐसे इंसेक्ट्स भी मिले हैं, जोकि बहुत ही ज्यादा स्ट्रांग हैं और लंबे समय से सिंथेटिक ड्रग्स इस्तेमाल होने के कारण इन इंसेक्ट्स में इम्यूनिटी डेवलप हो गई है, जिस कारण इन कीटों को मारने के लिए हर्बल ड्रग्स के यूज पर रिसर्च चल रही है। साइंटिस्ट्स का कहना है कि काऊ, बफैलो, डॉग, कैट में ये बहुत ही नॉर्मल प्रॉŽलम है। तो ऐसे पहुंचता है poison
फॉर्मिंग में फूड ग्रेंस, वेजिटेब्ल्स, के अलावा एनिमल्स में पेस्टीसाइट्स का यूज किया जाता है। कई बार ये एनिमल्स की बॉडी में भी इंटर कर जाता है। एनिमल्स के मिल्क से ये मनुष्यों में पहुंचता है। ऐसे ही मुर्गी से सिंथेटिक ड्रग्स अंडे या मांस द्वारा ह्यूमन पर असर करता है।

Posted By: Inextlive