व्हाट्सऐप करना संभलकर
माहौल बिगाड़ने वाला मैसेज वायरल करते ही होगी कार्रवाई
एसएसपी ने पब्लिक के लिए जारी किया सर्कुलर Meerut। अब सोशल मीडिया में भड़काऊ मैसेज वायरल करने वालों की खैर नहीं क्योंकि पुलिस ने मेरठ के करीब डेढ़ लाख संदिग्ध व्हाट्सऐप नंबर रडार पर लिए हैं। इन नंबरों पर आने व जाने वाले व्हाट्सऐप मैसेजों पर पैनी नजर रखी जा रही है। एसएसपी अखिलेश कुमार का कहना है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज वायरल कर जातीय हिंसा फैलाने या शहर का माहौल बिगाड़ने वाले व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा जाएगा। व्हाट्सऐप या फेसबुक पर भड़काऊ मैसेज वायरल की शिकायत संबंधित थाने या उनके मोबाइल नंबर पर भी की जा सकती है। तैयार की गई टीमएसएसपी के मुताबिक फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्एसेप, मैसेंजर आदि सोशल मीडिया को संभालने व उस पर पैनी नजर रखने के लिए पांच दरोगा व आठ सिपाहियों की एक टीम तैयार की है, जो शहर में लोगों के ग्रुपों में चल रहे मैसेजों पर नजर रख रही है। जिसने भी शहर का माहौल बिगाड़ने वाला भड़काऊ पोस्ट या मैसेज वायरल किया उसको तुंरत ही गिरफ्तार करके जेल भ्ोज देगी।
मैसेज पर रहेगा फोकसएसएसपी का कहना है कि डेढ़ लाख व्हाट्सऐप नंबर रडार पर हैं, जिनकी लगातार निगरानी की जा रही है। सरधना में भी सोशल मीडिया के चलते ही माहौल बिगड़ा था। वहां पर लोगों ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज डाल दिए थे। सभी के नंबरों की डिटेल निकालकर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गइर्1 है।
यहां दर्ज कराएं शिकायत 100 - कंट्रोल रूम 9454400257 अखिलेश कुमार, एसएसपी 9454401099 रणविजय सिंह, एसपी सिटी 9454401098 राजेश कुमार, एसपी देहात 9454401100 डॉ। बीपी अशोक, एसपी क्राइम बिगड़ गया माहौल 9 अगस्त 2018 : उल्देपुर में रोहित गौतम की जातीय हिंसा के कारण मौत हो चुकी है। यह बवाल सोशल मीडिया के सहारे ही फैला था। जिससे वहां रोहित को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अभी तक गांव में तनाव व्याप्त है। 18 जून 2018 : एक युवती की फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद रिठानी में दलित व ठाकुरों के बीच जातीय हिंसा हो गई थी, जिसमें बीस लोग घायल हो गए थे। रिठानी में पुलिस बल लगाया गया था।15 मई 2018 : पूठा गांव में वर्चस्व को लेकर गुर्जरों और दलितों में जमकर लाठी चार्ज हुआ था, जिसमें दलित युवक राहुल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह भी सोशल मीडिया की देन है।
13 मई 2018 : हस्तिनापुर पुलिस ने जातीय हिंसा फैलाने के आरोप में छह युवक को गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा था कि वह भीम सेना के सक्रिय सदस्य है और सोशल मीडिया पर उन्माद फैला रहे हैं। 5 अप्रैल 2018 : शोभापुर के गांव में बसपा नेता गोपी पारिया की जातीय हिंसा के चलते गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिससे गांव में तनाव फेल गया था। कई दिन तक गांव में आरएएफ तैनात रही। 2 अप्रैल 2018 : दो अप्रैल को एससी एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर मेरठ में जमकर उपद्रव हुआ। कई पुलिस चौकियों को आग के हवाले कर दिया गया। कचहरी समेत कई सरकारी व सावर्जनिक स्थानों पर जमकर पथराव किया गया। पुलिस की यह अच्छी पहल है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज भेजने वालों पर जरूर कार्रवाई होनी चाहिए। विजय शर्मा एडवोकेट किसी भी व्यक्ति या ग्रुप में मैसेज सेंड करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। जरा सी लापरवाही शहर में बवाल करा देती है। विनोद राणा, एडवोकेटशहर में हुए अधिकतर दंगे सोशल मीडिया की देन है। एक घटना होने के वीडियो इतनी जल्दी वायरल होता है। इसी से लोगों में आक्रौश फैलता है। जिससे शहर में बवाल हो जाता है।
अश्वनी गैरा, अध्यक्ष परतापुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन पुलिस के इस कदम से सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज भेजने वालों पर लगाम लग सकती है। पुलिस को इस तरह के प्रयास लगातार जारी रखने चाहिए। गौरव शर्मा, मंत्री संयुक्त व्यापार संघ