-पटना हाईकोर्ट ने पैथोलॉजी सेंटर को लेकर राज्य सरकार से छह सप्ताह में मांगा जवाब

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने अवैध तरीके से चल रहे पैथोलॉजी सेंटर को लेकर राज्य सरकार से छह सप्ताह में अद्यतन कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अदालत ने प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को हलफनामा दायर कर जानकारी देने को कहा कि उनके जिलों में ऐसे कितने अवैध पैथोलॉजी सेंटर चल रहे हैं और उन्हें रोकने के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एपी शाही की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए।

तो होंगे इक्के-दुक्के सेंटर

राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए प्रशांत प्रताप ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2012 की क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट नियमावली को 2018 में संशोधित करते हुए नई अधिसूचना जारी की है। जिसे भारत सरकार के राजपत्र में 21 मई 2018 को प्रकाशित भी किया गया था। इस संशोधित नियम में क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट के लिए नए मानकों की सूची बनाई जिस पर बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सितंबर 2018 में ही प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचायरें, मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों के अधीक्षकों, सुपर स्पेशलिटी सेंटर के निर्देशक और सभी सिविल सर्जनों को संशोधित नियमों की प्रतियां उपलब्ध करा दी। राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिया गया कि नए नियमों के तहत ही पैथोलॉजिकल लैब चलाए जाएंगे। हालांकि सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि यदि नई नियमावली के अनुसार पैथोलॉजी चलाने की अनुमति मिली तो प्रदेश में इक्के-दुक्के पैथोलॉजी सेंटर ही रह जाएंगे। जिससे आम पब्लिक को ही परेशानी होगी। सुनवाई अधूरी रही।

Posted By: Inextlive