-हाईकोर्ट ने पूछा आपको क्यों दिया जाए आजीवन बंगला

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर एक्स सीएम को जान माल का डर है तो अपनी जमीन लेकर उसमें बंकर बना लें, सरकारी बंगला आजीवन रखने का क्या काम है। संविधान ने जब सबको बराबरी का हक दिया है तब फिर मुख्यमंत्री सबसे ऊपर कैसे? ऐसे कई सवालों के जवाब के लिए हाईकोर्ट ने नीतीश कुमार सहित आधा दर्जन एक्स सीएम को नोटिस भेजा है। यह कार्रवाई एक्स सीएम को आजीवन बंगला आवंटित करने के मामले में हुई है। चीफ जस्टिस एपी शाही की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को 6 एक्स सीएम को नोटिस भेजते हुए पूछा कि उन्हें क्यों ताउम्र सरकारी आवास दिया जाना चाहिए? आपको बता दें सीएम नीतीश कुमार के पास दो बंगले हैं। एक बंगला वर्तमान सीएम का और दूसरा एक्स सीएम की हैसियत से है। हाईकोर्ट ने एक्स सीएम वाले बंगले के लिए ही जवाब मांगा है। अदालत ने सभी को 11 फरवरी तक पक्ष रखने को कहा है।

एक्स सीएम के बंगले पर संकट

-सतीश प्रसाद सिंह 33 हार्डिग रोड

-डॉ.जगन्नाथ मिश्र 41 क्रांति मार्ग हार्डिग रोड

-लालू प्रसाद 10 सर्कुलर रोड

-राबड़ी देवी 10 सर्कुलर रोड

-जीतन राम मांझी 12 एम स्ट्रैंड रोड

-नीतीश कुमार 7 सर्कुलर रोड

न्यायालय को चाहिए जवाब

-सुनवाई में महाधिवक्ता ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक्स सीएम के लिए सरकारी बंगले आवंटित किए गए हैं।

-खंडपीठ ने बिहार राज्य विशेष सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में इन एक्स सीएम से यह भी बताने को कहा कि यदि उनके निजी आवास पर सुरक्षा के सभी इंतजाम कर दिए जाएं तो क्या हर्ज है?

-अदालत ने कहा कि जिनके पास अपना मकान है वे भी सरकारी बंगला रखे हुए हैं, यदि उन्हें अपने जान का इतना ही डर है तो जमीन के अंदर बंकर बनवा कर रहें?

-बंकर से किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी, वैसे भी बंकर से ज्यादा सुरक्षित जगह कोई हो भी नहीं सकती।

-खंडपीठ ने कहा कि कोई संविधान में ऊपर नहीं है, चाहे वे सीएम ही क्यों न हों?

-खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लोक प्रहरी केस में किसी संवैधानिक पद धारकों के लिए अलग से आवासीय सुविधा पर रोक लगाई गई थी।

-किसी राज्य में ऐसी व्यवस्था नहीं है फिर बिहार में ही क्यों?

-उस समय सुप्रीम कोर्ट को बिहार सरकार द्वारा सही जानकारी नहीं दी गई, यह उचित नहीं है।

Posted By: Inextlive