हाई कोर्ट ने दिया सेवा बहाली का निर्देश

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सामान्य दृष्टि दोष पर पीएसी कांस्टेबलों की बर्खास्तगी रद्द कर दी है और सेवा जनित परिलाभों के साथ सेवा बहाल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि विभाग नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है.

मेडिकल में अनफिट मिले थे

यह आदेश चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर तथा जस्टिस एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने वाराणसी के प्रमोद प्रसाद व अन्य की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया है. कोर्ट ने एकलपीठ द्वारा याचिका खारिज करने के आदेश को भी रद्द कर दिया है. अपील पर अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने बहस की. याचीगण 4 अपै्रल 2014 को पीएसी कांस्टेबल नियुक्त हुए. शिकायत पर 2006 में इनकी मेडिकल जांच की गयी तो इन्हें अनफिट पाया गया. कोर्ट के आदेश पर मेडिकल बोर्ड ने भी जांच की. कलर विजन आंशिक रूप से रेड ग्रीन डिफेक्टिव पाया गया. जिस पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. जिसे चुनौती दी गयी. याची का कहना था कि ड्राइवर की नियुक्ति में कलर देखा जाता है. पुलिस में नही. कोर्ट ने मेडिकल अनफिट होने के कारण याचिका खारिज कर दी. इस आदेश को अपील में चुनौती दी गयी थी.

कलर दोष बर्खास्तगी का आधार नहीं

याची का कहना था पुलिस में मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति की नियुक्ति की जाती है. देखने में कलर दोष के आधार पर बर्खास्त नही किया जा सकता. उन्हें दूसरे कार्य में लगाया जा सकता है. बर्खास्तगी से पहले विभागीय जांच किया जाना जरुरी है. खंडपीठ ने कहा कि यह नियुक्ति आदेश निरस्त करने का मामला नही है बल्कि सेवा से बर्खास्तगी का है. सेवा के दौरान बीमारी पर दूसरे कार्य लिए जा सकते है. बिना जांच बर्खास्तगी नही की जा सकती.

Posted By: Vijay Pandey