अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में हस्तक्षेप से हाई कोर्ट का इंकार

कोर्ट ने दुकानदारों से अतिक्रमण न करने का मांगा हलफनामा

दुकान के सामने टीन शेड लगवाना हो या फिर पैसेज पर अपना कब्जा जमाना। दोनों अतिक्रमण है। इसे खाली कराया जाना ही चाहिए। इस कमेंट के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा भवन के दुकानदारों के अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की एडीए की कार्रवाई में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने याची दुकानदारों से इस आश्वासन के साथ हलफनामा मांगा है कि वे आवंटित दुकान के अतिरिक्त किसी प्रकार का सामान नहीं रखेंगे। टीनशेड नहीं लगायेंगे, पैसेज खाली रखेंगे तथा दुकान में निर्माण नहीं करेंगे। याचिका की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

पूरा अतिक्रमण क्यों नहीं हटवाया

कोर्ट ने कहा है कि आवंटित दुकान के बाहर पैसेज में कब्जा नहीं किया जा सकता। अतिक्रमण हटाने की एडीए की कार्यवाही सही है। कोर्ट ने एडीए के अधिवक्ता से पूछा कि 20 फीसदी अतिक्रमण ही क्यों हटाया। पूरा क्यों नहीं ध्वस्त किया। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस एमके गुप्ता ने इंदिरा भवन में दुकानदार मुरारी लाल मेहरोत्रा व तीन अन्य की याचिका पर दिया है। याचीगण का कहना था कि उन्हें दुकान आवंटित की गयी है और एडीए ने कब्जा भी सौंप दिया है। दुकान के सामने टीनशेड को एडीए ने अतिक्रमण मानते हुए हटाने की कार्यवाही की है। जिसे चुनौती दी गयी है। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के मामले में दुकानदारों को राहत देने से इंकार कर दिया है।

Posted By: Inextlive