हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

निजी कालेजों की भागीदारी से खुलेंगे कालेज

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में सार्वजनिक व निजी भागीदारी में मॉडल स्कूल चलाने के राज्य सरकार के फैसले को नीतिगत माना है तथा सरकारी फैसले के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है।

जनहित याचिका पर फैसला

यह आदेश चीफ जस्टिस डॉ। डीवाई चन्द्रचूड तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खंडपीठ ने शशांक शेखर पांडेय की जनहित याचिका पर दिया है। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने प्रदेश के पिछड़े 680 विकास खंडों में अंशदायी मॉडल स्कूलों की स्थापना का फैसला लिया था जिसे कई चरणों में पूरा किया जाना था। भवन निर्माण का काम भी शुरू हो चुका है। इसके बाद दाखिल की गई याचिका में प्राइवेट संस्थानों की सहायता से इसे संचालित करने पर सवाल खड़ा किया गया था।

केन्द्रिय बजट से डी-लिंक योजना

केंद्र सरकार ने 2015-16 के बजट में मॉडल स्कूल योजना को डी-लिंक कर दिया तथा इन स्कूलों की जिम्मेदारी राज्य सरकार के जिम्मे छोड़ दी। केंद्र की सहायता बंद होने के बाद राज्य सरकार ने प्राइवेट संस्थाओं की भागीदारी से योजना लागू करने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने कहा कि यह नीतिगत मसला है। केंद्रीय सहायता बंद होने के बाद योजना को चालू रखने में प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं की मदद लेने में कोई अवैधानिकता नहीं है। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।

Fact file

680 विकास खंडों में अंशदायी मॉडल स्कूलों की स्थापना का फैसला था

मॉडल स्कूल निर्माण के मद में 75 फीसदी खर्च केंद्र सरकार को तथा राज्य सरकार को 25 फीसदी खर्च उठाना था

योजना के अन्तर्गत 2010-11 में 148, वर्ष 2012-13 में 45, कुल 193 मॉडल स्कूलों के निर्माण को मंजूरी दी गयी

प्रति मॉडल स्कूल के लिए 3 करोड़ 2 लाख रुपये स्वीकृत किये गये। भवन निर्माण शुरू हो गया

191 मॉडल स्कूलों का निर्माण जारी है तथा 2 मॉडल स्कूल के लिए भूमि न मिल पाने के कारण निर्माण शुरू नहीं हुआ है

Posted By: Inextlive