डेंगू से अधिवक्ता की मौत पर हाई कोर्ट ने मांगी इलाज की पत्रावली

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिवक्ता वीपी मिश्र के अधिवक्ता पुत्र की डेंगू का सही इलाज न होने के चलते हुई मौत मामले को गंभीरता से लिया है। और स्थायी अधिवक्ता से मृतक अधिवक्ता के इलाज की पूरी पत्रावली पेश करने को कहा है। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने वीपी मिश्र के पत्र पर कायम जनहित याचिका पर दिया है।

सिर दर्द व बुखार की शिकायत थी

याची का कहना है कि उसके पुत्र को सिर दर्द व बुखार था। प्राइवेट अस्पतालों ने भर्ती करने सक मना कर दिया तो एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। शुरुआती जांच में हालत सही थी किन्तु बाद में स्थिति बिगड़ गयी। अस्पताल की डायलिसिस मशीन खराब थी। सही इलाज न हो पाने व हालत बिगड़ने के कारण याची के पुत्र को डिस्चार्ज कर दिया गया और इलाज के लिए लखनऊ अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गयी। याची ने चीफ जस्टिस को डॉक्टरों द्वारा बरती गयी लापरवाही का पत्र लिख कार्यवाही की मांग की थी। इस पत्र पर जस्टिस वीके शुक्ल की अध्यक्षता वाली पीठ ने जनहित याचिका कायम कर राज्य सरकार को डेंगू चिकनगुनिया पर प्रभावी रोकथाम के उपाय करने व रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार ने कमेटी गठित कर की गयी कार्यवाही का हलफनामा कार्ट में दाखिल किया है। याचिका की अगली सुनवाई 22 मई को होगी।

Posted By: Inextlive