हाई कोर्ट ने किया हस्तक्षेप से इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद के राजेपुर वी-मार्ट शापिंग माल में गये विशाल पाठक की हत्या के आरोपी प्रतीक गर्ग की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहाकि दिनदहाड़े मारपीट के चलते पुलिस कस्टडी में हुई मौत जैसे गंभीर मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगायी जा सकती और कोर्ट ऐसे गंभीर अपराध मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। कोर्ट द्वारा इससे पहले लगाई गयी गिरफ्तारी के रोक के आदेश भी समाप्त कर दिया है।

पुलिस कस्टडी में मौत का हवाला

यह आदेश जस्टिस एपी साही तथा जस्टिस राजीव मिश्र की खण्डपीठ ने प्रतीक गर्ग की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता राजर्षि गुप्ता का कहना था कि याची को हत्या के मामले में फंसाया गया है और प्रदेश में एंटीसिपेट्री बेल की व्यवस्था न होने के कारण उसे गिरफ्तारी से संरक्षण दिया जाय। मालूम हो कि 18 नवम्बर 2017 को कोतवाली फर्रुखाबाद में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि दिन में दो बजे विकास कुमार मोटर साइकिल से वी मार्ट शापिंग माल गये थे। आधे घंटे बाद बाहर आये तो देखा कि मृतक विशाल पाठक उनकी मोटर साइकिल चोरी करके भाग रहा है। उसने दौड़ाकर पकड़ लिया और मारपीट कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने विशाल पाठक को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गयी तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक के पिता चनु मोहन पाठक ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए याची व चार अन्य को हत्या के आरोप में नामजद किया। याची का कहना था कि मृतक को उन्होंने पुलिस को सौंप दिया था। उसकी पुलिस अभिरक्षा में मौत हुई है।

Posted By: Inextlive