रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने फर्जी नक्सली सरेंडर मामले में राज्य के गृह सचिव को तलब किया है। छह सितंबर को दोपहर साढ़े तीन बजे जज के चेंबर में मामले की अगली सुनवाई होगी जिसकी वीडियो रिकॉर्डिग भी कराई जाएगी। सुनवाई के दौरान सिर्फ गृह सचिव ही वहां मौजूद रहेंगे। झारखंड काउंसिल फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत ने उक्त निर्देश दिया है।

इससे पहले सरकार की ओर से इस मामले में सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल किया गया, जिसका कोर्ट ने अवलोकन किया। इसके बाद कोर्ट ने गृह सचिव को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान गृह विभाग के अधिवक्ता ने कहा कि यह मामला अति संवेदनशील है। इसकी सुनवाई ओपन कोर्ट में नहीं की जाए। सुनवाई के दौरान गृह सचिव की सहायता के लिए पुलिस के वरीय अधिकारियों के मौजूद रहने का आग्रह किया गया। जिसपर वादी के अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से विरोध जताते हुए कहा गया कि इस मामले में पुलिस अधिकारियों पर ही आरोप लगे हैं ऐसे में सुनवाई के दौरान उनका मौजूद रहना सही नहीं है। कहा कि जब सुनवाई के दौरान वादी व प्रतिवादी के अधिवक्ता मौजूद नहीं रहेंगे, ऐसे में पुलिस अधिकारियों को भी वहां नहीं रहने दिया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने मामले में सुनवाई चेंबर में कराने की बात कही। सुनवाई के दौरान कैमरे से रिकॉर्डिंग की जाएगी। यदि जरूरत पड़ी तो अधिवक्ताओं को चेंबर में बुलाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस अधिकारी गृह सचिव के साथ आ सकते हैं, लेकिन सुनवाई के दौरान वे मौजूद नहीं रहेंगे।

Posted By: Inextlive