Kanpur: एनएचएआई के ऑफिसर्स फोरलेन हाइवे की लाइफ 50 से 60 वर्ष तक होने का दावा कर रहे हैं लेकिन केवल 3 महीने में ही हाइवे 3 बार धंसा और टूट चुका है. जबकि हाइवे बने 10 साल भी नहीं हुए हैं हाईवे इस कदर खस्ताहाल हो गया कि कब कहां धंस जाए या टूट जाए और लोगों की जान जोखिम में पड़ जाए? कोई भरोसा नहीं है. सैटरडे की सुबह एक बार फिर रामादेवी चौराहा के पास से गुजरने वाली दिल्ली-हावड़ा लाइन पर बने आरओबी के पास हाइवे के अप्रोच ब्रिज का बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया. जबकि 22 मई को ठीक इसी स्थान पर भौंती से इलाहाबाद जाने वाली लेन का अप्रोच ब्रिज धंस गया था. लगातार इन घटनाओं के बावजूद एनएचएआई के ऑफिसर्स असली वजह तलाश कर उसे दूर करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. केवल ओवरलोडिंग को जिम्मेदार ठहराकर पल्ला झाड़ रहे है. जिससे हाइवे से गुजरने वालों की जान जोखिम में है.


हो सकता था बड़ा हादसा


भौती से रूमा जाने वाले फोरलेन हाइवे पर रामादेवी चौराहा के पास से गुजरने वाली दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर ब्रिज बना हुआ है. सैटरडे को इस आरओबी से सटे करीब 2.5 मीटर लंबे और 8 मीटर चौड़े अप्रोज ब्रिज की स्लैब का काफी हिस्सा चकनाचूर होकर गिरने लगा. सरिया का जाल तक खुल गया. ये तो हाइवे से गुजरने वालों की किस्मत अच्छी थी कि समय रहते इसका पता पुलिस को चल गया. पुलिस ने टूटे हुए हिस्से के दोनो ओर बेरीकेडिंग कर दी और इसकी जानकारी एनएचएआई को दे दी. वरना कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था. इससे पहले 22 मई को ठीक इसी स्थान पर इसी लेन के दूसरी ओर यानि भौती से इलाहाबाद जाने वाले लेन पर बना अप्रोच ब्रिज धंस गया था. फर्क केवल इन लेन के बीच बने डिवाइडर का ही है. धंसा हिस्सा कुछ दिनों पहले ही एनएचएआई बना सका है. डायवर्ट किया गया ट्रैफिक

 एनएचएआई ऑफिसर्स ने श्यामनगर बाईपास से हाइवे होते हुए रामादेवी चौराहा की जाने वाली लेन को ब्लाक कर दिया. डिवाइडर को तोडक़र रामादेवी चौराहा की ओर ट्रैफिक गुजारा जा रहा है. शाम को ट्रैफिक लोड बढऩे पर हाइवे पर ट्रैफिक रेंगने लगा और शाम को जाम लग गया. जाम के घेरे में पनकी से इलाहाबाद जाने वाली लेन भी आ गई. लोगों के पास जाम में फंसे रहने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं बचा.नहीं हो रहा मेंटीनेंसफोरलेन हाइवे को बने अभी दस वर्ष भी नहीं हुए हैं, लेकिन हाइवे खस्ताहाल हो गया. पनकी से रामादेवी के बीच जगह-जगह डिवाइडर रेलिंग टूट गई. कई जगह तो हाइवे रोड पर गहरी नालियां सी बन गई है. रामादेवी चौराहा के पास हाइवे पर बने रेलवे ब्रिज के पास दूसरी साइड भी रोड और ब्रिज के बीच दरारें साफ नजर आ रही हैं. ब्रिज और अप्रोच ब्रिज में काफी गैप हो गया और ये हिस्सा धंसता भी जा रहा है. ब्रिज और डिवाइडर की दरारें साफ नजर आ रही है. जबकि फोरलेन हाइवे के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी एक कंपनी के पास हैै. लेकिन एनएचएआई ऑफिसर हाइवे की खस्ताहाल पर आंखें बन्द किए हुए है. At a glanceभौती-रूमा फोरलेन हाइवेलंबाई- 23 किलोमीटरचौड़ाई- फोरलेनप्रोजेक्ट कॉस्ट-200 करोड़कंस्ट्रक्शन कम्पनी-सोमदत्त बिल्डर्सहाइवे बनकर तैयार हुआ- 2004-05रोज गुजरते हैं भारी वाहन- 35 हजारPast historyपहले भी धंस चुका फोरलेन हाइवेजुलाई,2013 -रामादेवी चौराहा के पास श्यामनगर-रामादेवी वाली लेन का अप्रोच ब्रिज टूटाजून, 2013- भौंती के पास धंसा फोरलेन हाइवे

मई, 2013- रामादेवी चौराहा के पास पनकी से इलाहाबाद जाने वाली लेन का अप्रोच ब्रिज धसा2012- रामादेवी चौराहा के पास ही हाइवे धंस गया था.

"फोरलेन हाइवे के स्ट्रक्चर की लाइफ 50 से 60 वर्ष है. डिजायन और बनाने में इस्तेमाल मैटेरियल में कोई गड़बड़ी नही है. लेकिन ट्रक्स में हो रही मानक से कई गुना तक ओवरलोडिंग से हाइवे खस्ताहाल हो गया और धंस रहा है. सैटरडे को टूटे अप्रोच ब्रिज की स्पैन स्लैब नई डाली जाएगी. इसमें डेढ़ महीने तक टाइम लग जाएगा."-नवीन मिश्रा, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएआई

Posted By: Sana Noor