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PATNA : दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने हाल ही में 14 अप्रैल के अंक में पड़ताल करते हुए फार्मासिस्ट की कमी और दवाओं को लेकर आमजन से जुडे़ खतरे के प्रति आगाह किया था. फार्मासिस्ट की कमी और पेशेंट को मिलने वाली दवा के खतरे के को लेकर अदालत ने भी गहरी नाराजगी जताई है. शुक्रवार को आरटीआई एक्टिविस्ट गुड्डू बाबा ने कोर्ट के समक्ष पीआईएल दायर किया था. इसमें उन्होंने सवाल उठाया था कि अनुभवहीन और बिना फार्मा की डिग्री वाले प्रदेश भर के हॉस्पिटलों में दवा बांट रहे हैं. जिन्हें दवा की जानकारी नहीं कि उनका असर क्या है और वे कम तक प्रयोग लायक हैं. इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश ज्योति सरन एवं न्यायाधीश अंजनी शरण की पीठ ने की. खंडपीठ ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है. यह आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. याचिका में कहा गया था कि कर्मचारी कर्मियों के द्वारा दवा वितरित हो रही है. इनकी अज्ञानता के चलते सभी प्रकार के अस्पतालों में करोड़ों रुपयों की दवाएं बर्बाद हो जाती हैं. यह आलम प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में फार्मासिस्ट के पद रिक्त होने के कारण है.

Posted By: Manish Kumar