- शहर में ज्यादातर अपार्टमेंट खतरे से खाली नहीं

- न फायर से एनओसी, न पार्किंग की सुविधा

LUCKNOW: लखनऊ में गगन चुम्बी इमारते हर इलाके में खड़ी होती जा रही हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर अवैध हैं। खुद एलडीए मानता है कि क्भ्00 से ज्यादा अपार्टमेंट अवैध हैं। न तो इनका नक्शा पास है न ही फायर से एनओसी मिलती है। फिर भी किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती। एक्सप‌र्ट्स की माने तो नेपाल की तरह लखनऊ में भूकम्प आया तो यह इमारते ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएंगी।

अधिकारियों शह पर होता है निर्माण

नियम है कि रिहायशी इलाकों में ढाई मंजिल से अधिक की इमारत खड़ी नहीं हो सकती। लेकिन बिल्डर एकल आवासीय नक्शा पास कराकर गोमती नगर, इंदिरा नगर, चौक, अमीनाबाद, लालबाग, अलीगंज, निशातगंज जैसे इलाकों में अपार्टमेंट खड़े किए जा रहे हैं। एलडीए अधिकारियों की निगरानी में इन अवैध निर्माणों की ऊंचाई बढ़ती जा रही अगर 7 से अधिक तीव्रता का भूकम्प लखनऊ आया तो कोई बचेगा नहीं।

हजरतगंज और गोमती नगर जैसी पॉश कॉलोनियां हों या अलीगंज और अमीनाबाद जैसे पुराने इलाके। कोई भी इलाका इन आवासीय प्लॉटों पर बने खतरनाक और डेंजर कामर्शियल इमारतों से अछूता नहीं है। इन इमारतों में पार्किंग और फायर फाइटिंग के ना‌र्म्स तक पूरे नहीं हैं। पार्किंग के लिए खोदे गए बेसमेंट में पार्किंग की जगह दुकानें बनाकर बेच दी गईं।

हर जोन में अवैध निर्माण

अवैध निर्माण रोकने के लिए एलडीए के दायरे को क्फ् जोन में बांटा गया है। हर जोन में सुपरवाइजर से लेकर एक्सईएन तक फ्0 लोगों की टीम है। इसके बावजूद हर जोन में ब्00 से भ्00 इमारतें अवैध तरीके से बनकर तैयार हैं। इन बड़ी अवैध हाईराइज बिल्डिंग्स का कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था और सभी अवैध निर्माणों को गिराने के भी आदेश हैं। लेकिन एलडीए ने अभी तक इनमें से किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। एलडीए ने कोर्ट में साढ़े तीन सौ से ज्यादा अवैध निर्माणों की सूची भी सौंपी थी। साथ ही एलडीए के पास ही इस समय क्भ्00 से ज्यादा चिन्हित हाईराइज अवैध इमारते हैं। लेकिन इनमें ज्यादातर का नाम एलडीए की उस सूची में नहीं है। जो हाई कोर्ट के सामने पेश की गई है।

Posted By: Inextlive