हिन्दी दिवस पर राजभाषा के महत्व और उपयोग बढ़ाने पर चर्चा

स्कूलों से लेकर सामाजिक संस्थाओं और सरकारी विभागों में शुरू हुआ राजभाषा पखवाड़ा

ALLAHABAD: हिन्दी सदियों से देश की संपर्क एवं संवाद की भाषा रही है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय चेतना की संवाहक भी यही भाषा रही है। आज हिन्दी परिवर्तन, विकास एवं नव निर्माण की भाषा की भूमिका निभा रही है। ये बातें शुक्रवार को हिन्दी दिवस के अवसर पर उत्तर मध्यम रेलवे मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उमरे के महाप्रबंधक रतन लाल ने कही।

बढ़ी है हिंदी के प्रयोग की संभावना

राजभाषा पखवाड़े का शुभारम्भ करते हुए रतन लाल ने कहा कि सूचना टेक्नॉलाजी के बढ़ते कदमों के कारण मीडिया, मनोरंजन, व्यापार, वाणिज्य जैसे विविध क्षेत्रों के अतिरिक्त तकनीकी क्षेत्रों में भी हिंदी के प्रगामी प्रयोग की क्षमता और संभावना कई गुना बढ़ गई है। महाप्रबंधक ने कहा कि विभागों के आंतरिक कामकाज में राजभाषा का प्रयोग-प्रसार सुनिश्चित करना है और इसे बनाए रखना है।

विविध आयोजन में दिखी बच्चों मेधा

महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में हिन्दी दिवस पर स्टूडेंट्स ने राजभाषा के महत्व पर अपने विचार रखे और काव्यपाठ किया। प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए हिन्दी भाषा के शुद्ध एवं उचित प्रयोग के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया। डीपी पब्लिक स्कूल में हिन्दी दिवस पर कक्षा छह से 10वीं तक के बच्चों के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। स्कूल की प्रिंसिपल जया सिंह ने पुरस्कार वितरित करते हुए बच्चों के हिन्दी के उत्कृष्ट ज्ञान को सम्मानित किया। खेलगांव पब्लिक स्कूल में भी हिंदी दिवस पर विविध प्रोग्राम आयोजित किये गये। ईश्वर शरण डिग्री कालेज में हिन्दी दिवस पर राष्ट्रपिता का राष्ट्रभाषा परक चिंतन विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में गोविंद वल्लभ पंत संस्थान के प्रो। बद्रीनारायण ने महात्मा गांधी के राष्ट्रभाषा के प्रति विचार पर प्रकाश डाला। स्पर्श फिजिकल आर्ट एंड कल्चर की ओर से हिन्दी दिवस पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में स्वच्छता पर आधारित नुक्कड़ नाटक स्वच्छ भारत का मंचन किया गया। नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड की ओर से मंडलीय कार्यालय में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में प्रबंधक एसआर आर्या की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें कार्यालय के सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं एजेंट शामिल हुए। हिंदी के अनन्य प्रेमी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए डॉ। एलएस ओझा ने हिन्दी के महत्व पर अपने विचार रखे। कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि हिन्दी के लिए उन्हें अंग्रेजी को भूलने में कोई गुरेज नहीं है।

वात्सल्य गौरव सम्मान से नवाजे गए

वात्सल्य सेवा समिति की ओर से सिविल लाइंस स्थित वात्सल्य सभागार में वात्सल्य गौरव सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें शिक्षकों को सम्मान पत्र एवं शॉल देकर सम्मानित किया गया। चीफ गेस्ट राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ। केएन सिंह ने शिक्षकों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा, हमारा गौरव है। चिन्तामणि ने हिन्दी को सम्मान देने पर जोर दिया। डॉ। कीर्तिका अग्रवाल ने शिक्षकों का शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए अभिनंदन किया। वात्सल्य के निदेशक डॉ। नीरज अग्रवाल ने सभी आगन्तुकों एवं अतिथियों को धन्यवाद देते हुए हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी। संयोजक दीपा द्विवेदी समेत अन्य मौजूद रही।

Posted By: Inextlive