- एग्जाम के पहले दिन ही बीएसए ने किया निरीक्षण

BAREILLY:

बेसिक स्कूलों में पढ़ाई का स्तर कॉन्वेंट स्कूलों जैसा बनाने की तैयारी कर रहे अफसर शिक्षा का स्तर सुधारने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। अफसरों को इस सच का आईना दिखाने वाला मामला मंडे को सामने आया। बीएसए परातासपुर स्थित जूनियर स्कूल में एग्जाम का निरीक्षण करने गई थी। बच्चे हिन्दी का पेपर दे रहे थे। इस दौरान बीएसए ने सातवीं क्लास के सभी बच्चों से हिन्दी शब्द लिखने के लिए कहा, तो एक भी स्टूडेंट हिन्दी नहीं लिख सका। जिसके बाद बीएसए ने सभी टीचर्स को जवाब तलब कर लिया।

उत्तरपुस्तिका में भी लिख्ा था गलत

एग्जाम के दौरान जब बीएसए उच्च प्राथमिक विद्यालय परातासपुर पहुंची तो यह देखकर हैरान रह गई कि सातवीं क्लास के बच्चों ने अपनी हिंदी विषय के एग्जाम में उत्तरपुस्तिका पर 'हिंदी' शब्द भी गलत लिखा था। जिस पर बीएसए ने स्कूल की चारों टीचर्स के खिलाफ लेटर जारी कर दिया। वहीं जब बीएसए भिंडौलिया के प्राथमिक विद्यालय में पहुंची तो वहां के स्कूल में नामांकन के अनुसार मात्र 43 परसेंट उपस्थिति देख कर आग बबूला हो गई। इसके लिए प्रधानाध्यापिका सहित एनपीआरसी के वेतन रोक दिया गया है। साथ ही यहां 20 अगस्त से इस स्कूल की शिक्षामित्र सलमा की बिना बताएं अबसेंट मिली। वही दूसरी ओर उच्च प्राथमिक विद्यालय पदारथपुर में छह अगस्त से अनुदेशक की गैर हाजिरी पर फटकार लगाकर वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए है।

स्कूलों में लगातार हो रही लापरवाही के लिए टीचर्स का वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए है। सभी टीचर्स का वेतन रोका जाएगा।

तनुजा मिश्रा, बीएसए

Posted By: Inextlive