DEHRADUN:13 सालों के दौरान राज्य में विकास की मंद गति हालिया आपदा की पीड़ा टूरिज्म में पीछे धकेला गया पर्यटन प्रदेश और पहाड़ों से रोजगार के लिए युवाओं का लगातार होता पलायन. इन भावनाओं के साथ बीजेपी के पीएम कैंडिडेट और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने परेड ग्राउंड में मौजूद हजारों की भीड़ को अपने संबोधन में आगामी लोक सभा चुनावों के लिए खींचने की पूरी कोशिश की. उनकी इस ऐतिहासिक रैली में संबोधन दिल्ली की तरफ कम ज्यादातर उत्तराखंड पर ही केंद्रित रहा. कांग्रेस महासचिव पर लोकपाल के बारे में मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में पूर्व सीएम बीसी खंडूडी ने बेहतर लोकपाल बनाया था लेकिन प्रदेश सरकार को रास नहीं आया. 45 मिनट के भाषण में नरेंद्र मोदी के निशाने पर सबसे ज्यादा प्रदेश की कांग्रेस सरकार रही.


दून का ऐतिहासिक परेड ग्राउंड रविवार को एक और इतिहास का गवाह बना। हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ सिर्फ नरेंद्र मोदी को सुनने को पहुंची थी। मोदी ने भी हजारों कीह्य भीड़ को बिना निराश किए ऐतिहासिक शंखनाद किया। पूरा शहर मोदीमय रहा। आतंकवादियों के रियल थ्रेट के बीच हजारों की भीड़ को कंट्रोल करने में पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन की टीम ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी।

इस धरती से पुराना नाता रहा


नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत सरदार पटेल अमर रहे से की। उसके बाद उन्होंने देवभूमि को पवित्र बताते हुए नमन करते हुए याद दिलाया कि आपदा की घड़ी में आंसू पोंछने के लिए वे उत्तराखंड आए थे, लेकिन मुझे चिंता सता रही है कि सर्द मौसम की रातों में आपदा पीडि़त परिवार कैसे गुजारा करा होगा। मन में हमेशा एक बोझ है। प्रहार उत्तराखंड की बहुगुणा सरकार की तरफ था। नरेंद्र मोदी ने मौजूद हजारों की भीड़ में अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की धरती से उनका पुराना नाता रहा है। प्रभारी रहा हूं। देवभूमि ने काफी कुछ दिया है। आप आशीर्वाद दें तो आपको कुछ लौटा सकूं। फिर क्या था भीड़ में मोदी जिंदाबादजिंदाबाद के नारे लगने लगे।हर रोज बाबा रामदेव पर केस दर्ज

उन्होंने कहा कि सरकार दिल्ली की हो या फिर उत्तराखंड की, जनता से कटे और छंटे हुए हैं। दिल्ली से देहरादून की सरकार बाबा रामदेव के पीछे लगी हुई हैं। इसकी आधी शक्ति पीडि़तों आपदा पीडि़तों के लिए लगा ली होती, तो शायद तस्वीर कुछ और होती। अटल बिहारी बाजपेयी के ऋणी मोदी ने कहा कि हम अटल के ऋणी है, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य दिया। बदले में 10 सालों के लिए इंडस्ट्रियल पैकेज भी दिया। गुजरात से भी इंडस्ट्रीज आई, लेकिन ये पैकेज यूपीए सरकार ने छीन लिया। एक के बाद एक-एक करके मोदी ने उत्तराखंड के हर मुद्दों को छूने की कोशिश की। पहाड़ की जवानी और पानी का भी जिक्र किया। यहां के नौजवान रोजगार के लिए शहरों की तरफ जा रहे हैं। पर्यटन को मिसाल मानते हुए उन्होंने कहा कि विश्व का ऐसा कोई देश नहीं होगा, जो देवभूमि आने का सपना न संजोता हो। वीर भूमि में रक्षा यूनिवसिर्टी हो

उन्होंने टेरेरिज्म को डिवाइस और टूरिज्म को यूनाइट की संज्ञा भी दी। प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाएं हैं, जिसके जरिए तीन गुना ज्यादा लोग आ सकते हैं प्रदेश में। उन्होंने कहा कि इस धरती से देश की सेवा के जवान सीना तानकर आगे आते हैं, लेकिन फौजी बनना कब तक चलेगा। ऑफिसर भी बन सकते हैं। सेना में अधिकारी भी बन सकते हैं। गुजरात का एग्जांपल देते हुए उन्होंने कहा कि वीरों की भूमि में स्कूल और कालेज में आर्मी अधिकारी बनने की शिक्षा दी जा सकती है। रक्षा यूनिवर्सिटी बनाई जा सकती है। जीत से हवा का रुख पता चल गया कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस अहंकार में है। एक नेता लोकपाल की बात कर रहे हैं, लेकिन इसी देवभूमि में बीसी खंडूडी ने लोकपाल बिल बनाया था, अन्ना हजारे ने बधाई भी दी थी, लेकिन कांग्रेस ने प्रदेश में लागू नहीं किया। मीडिया से सवाल किया कि भ्रष्टाचार पर कांग्रेस से भी पूछे। मोदी ने कहा कि पांच राज्यों में हुए चुनाव से हवा का रुख पता चल गया है। अभी तो चारों राज्यों में ऐसा हुआ, अब चारों ओर होगा। अटल बिहारी बाजपेयी के शासनकाल में बने तीन राज्यों में छत्तीसगढ़ अव्वल और उत्तराखंड सबसे पीछे हो गया है। इसका कारण बार-बार सत्ता बदलना भी रहा है। उन्होंने बीजेपी पर विश्वास करने की भी बात कही।

Posted By: Inextlive