- पहाड़पुर गांव के पास हाईवे पर हिस्ट्रीशीटर छोटू सिंह और उसके साथी बाबू यादव को ट्रक ने कुचला

- गांव वालों ने जम कर किया बवाल, हाईवे जाम कर वाहनों में की तोड़फोड़, आगजनी का प्रयास, तीन घंटे नहीं उठने दिया शव

- परिजनों का आरोप पुलिस के पीछा करने के चक्कर में हुआ हादसा

- एक पिस्टल, तमंचा और कारतूस भी मिले

KANPUR: बिधनू के पहाड़पुर गांव के पास सागर हाईवे पर बेहद नाटकीय तरीके से हुए हादसे में हिस्ट्रीशीटर छोटू सिंह समेत उसके साथी लुटेरे बाबू यादव की मौत हो गई। जबकि एक और बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद छोटू के गांव वाले मौके पर पहुंच गए और टक्कर मारने वाले ट्रक में तोड़फोड़ करने के साथ अन्य वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस भी कुछ देर तक बवालियों की वजह से शव नहीं हटवा सकी। तीन घंटे तक चले बवाल में आक्रोशित गांववालों ने आगजनी का भी प्रयास किया। पुलिस के मुताबिक हादसे में मरे बदमाशों के पास से एक पिस्टल, तमंचा और कई कारतूस भी बरामद हुए है। वहीं साउथ में आतंक का पर्याय बने हिस्ट्रीशीटर छोटू सिंह की हादसे में हुई मौत के बाद पुलिस महकमें ने भी चैन की सांस ली है।

पुलिस से पीछा छुड़ाने में हुआ हादसा

घटना दोपहर ब् बजे के करीब की है। छोटू सिंह अपने साथियों बाबू यादव और दीपू यादव के साथ गांव की तरफ जा रहा था। उसी दौरान पहाड़पुर गांव के पास हाईवे पर गलत साइड से बाइक मोड़ते समय सामने से आ रहे एक ट्रक ने उसे कुचल दिया। जिसमें छोटू और बाबू की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दीपू गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही गांव वाले फौरन मौके पर पहुंच गए। वहीं छोटू के परिजनों का आरोप है कि पुलिस की डायल क्00 गाड़ी उनका पीछा कर रही थी उसी से बचने के प्रयास में यह हादसा हुआ। वहीं पुलिस ने आरोपी ट्रक ड्राइवर को पकड़ लिया है और दीपू यादव को इलाज के लिए हैलट भेज दिया।

छोटू की मौत महज हादसा या कुछ और?

साउथ में आतंक का पर्याय छोटू सिंह की मौत हादसे में कैसे हुई यह बड़ा सवाल है? जिस जगह यह हादसा हुआ वहां से उसका गांव कुछ ही दूरी पर है। इसके अलावा जिस तरह से शव पड़े थे उससे भी घटना के महज हादसा होने पर संदेह पैदा होता है। छोटू पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था यह खुद पुलिसवाले मानते हैं। एक बार तो वह मुठभेड़ में भी बच निकला था। जिसके बाद वह और भी निरंकुश हो गया। कद काठी से मजबूत होने की वजह से वह एक दो पुलिसवालों पर तो ऐसे ही भारी पड़ जाता था। वैसे पुलिस मामले को सिर्फ हादसा ही बता रही है। हालांकि मौके से एक देसी पिस्टल, तमंचा और कई कारतूस भी बरामद हुए हैं। ऐसे में उसके किसी वारदात को अंजाम देने के लिए निकलने की भी आंशका जताई जा रही है।

तीन घंटे तक शव नहीं उठवा सकी पुलिस

छोटू सिंह और बाबू यादव की मौत की सूचना पहाड़पुर गांव पहुंचने के फौरन बाद सागर हाईवे जाम कर बवाल शुरू कर दिया गया। भ्00 से म्00 लोगों की भीड़ ने हादसा करने वाले ट्रक में तोड़फोड़ की। साथ ही उसमें आगजनी का भी प्रयास किया। इसके अलावा वहां से गुजर रहे वाहनों पर पथराव के साथ पुलिस से भी झड़प हुई। भीड़ का गुस्सा देख शुरू में पुलिस को भी कदम खींचने पड़े। एसपी पश्चिम जब कई थानों के फोर्स के साथ वहां पहुंचे तक गांव वालों से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान पुलिस ने कई बार दोनों शवों को हटवाने के प्रयास किए लेकिन भीड़ ने उन्हें हटने नहीं दिया। एसएसपी के एस इमैनुअल ने भी मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाया। तीन घंटे तक चली मशक्कत के बाद पुलिस दोनों शवों को हटवा कर पोस्टमार्टम भिजवा सकी।

छोटू का दाहिना हाथ था बाबू यादव

हादसे में मारे गए दूसरे अपराधी बाबू यादव के बारे में बताया जा रहा है कि वह छोटू का दाहिना हाथ था। जो कि कई सालों से छोटू के साथ काम कर रहा था, लेकिन पुलिस के कई बार आमना-सामना होने के बाद छोटू हमेशा बाबू के साथ ही निकलता था। बिधनू एसओ घनश्याम यादव के मुताबिक बाबू यादव लुटेरा था। वह आवास विकास में रहता था और उसके खिलाफ भी लूट के कई मामले दर्ज हैं। वहीं दीपू यादव के आपराधिक इतिहास को भी खंगाला जा रहा है।

Posted By: Inextlive