-बभिया कैंट के हिस्ट्रीशीटर पाताराम की हत्या कर बदमाश फरार

-लूट, मर्डर, अवैध खनन, प्रॉपर्टी विवाद समेत कई मामलों में था शामिल

बरेली -ब से बभिया और ब से बंदूक नाम से कुख्यात कैंट के बभिया गांव का हिस्ट्रीशीटर पाताराम भी बात-बात पर गोली चला देता था। उसका भी हश्र वैसा ही हुआ। उसे एक-दो गोली नहीं मारी बल्कि गोलियों से छलनी कर दिया गया। दिनदहाड़े कैंट की सद्भावना कॉलोनी में उसकी एक घर के अंदर हत्या कर दी गई। उसके सीने, सिर, आंख और हाथ में आधा दर्जन गोलियों के निशान मिले हैं। पुलिस को मौके से 5 बुलेट, एक चश्मा व अन्य सामान भी मिला है। पुलिस का शक उसके साथियों पर ही है। पुलिस हत्यारोपियों की तलाश में जुट गई है।

घर से कार से निकला था

30 वर्षीय पाताराम पुत्र रामबहादुर, बभिया का रहने वाला था। पाताराम पर कैंट, कोतवाली व अन्य थानों में 36 मुकदमे दर्ज हैं। उसके पिता रामबहादुर ने पुलिस को बताया कि पाताराम दोपहर 4 बजे के बाद घर से स्कार्पियो कार से निकला था। वह सद्भावना कॉलोनी लाल फाटक स्थित संजय के मकान पर गया था। यहां पर उसे किसी ने बुलाया था। करीब 5 बजे के बाद अचानक मकान के अंदर गोलियां चलने की आवाजें आयीं तो लोग घबरा गए।

6 गोलियां मारी गई हैं

सूचना पर पुलिस पहुंची तो मकान के अंदर पाताराम की खून से सनी लाश पड़ी थी। उसे कमरे के अंदर गोली मारी गई थी और फिर घसीटकर बाहर डाला गया। 3 गोलियां उसके सीने में, एक सिर, एक माथे, एक पीठ पर और एक हाथ में गोली मारी गई है। शायद उसे हाथ में गोली बचाने के दौरान लगी होगी। मकान के अंदर किरायेदार भी रहते थे लेकिन वह भी ताला लगाकर फरार हो चुके थे। एसपी सिटी, सीओ सिटी व अन्य फोर्स मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की। पुलिस को पाताराम की कार भी नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि दो लोग उसके साथ कार में आए थे, जो कार लेकर फरार हो गए।

मर्डर के बाद सीसीटीवी हुआ ऑन

पुलिस जांच में आया कि जिस जगह पाताराम का मर्डर हुआ है, वहां पर एक जनसेवा केंद्र खोला गया है। इस जनसेवा केंद्र में नाइट विजन सीसीटीवी कैमरा चलता दिखा तो पुलिस को उम्मीद जगी कि बदमाशों के चेहरे इसमें कैद हो गए होंगे। पुलिस ने जनसेवा केंद्र वाले को बुलवाकर पूछताछ की तो पता चला कि सीसीटीवी कैमरे फ्राइडे को ही इंस्टाल हुए हैं और कैमरा 5 बजकर 55 मिनट पर चलना शुरू हुआ है, जबकि मर्डर पहले ही हो चुका था।

स्वर्ण टावर में किया था झगड़ा

हिस्ट्रीशीटर पाताराम का कैंट एरिया में काफी खौफ था। वह पहले चोरी और फिर लूटपाट करने लगा। वह अवैध खनन और प्रॉपर्टी पर कब्जे के धंधे में भी शामिल हो गया। किसी पर गोली चलाना तो जैसे उसके बायें हाथ का खेल था। पुलिस उसे पकड़कर जेल भेजती, लेकिन वह कुछ दिनों बाद ही जेल से छूटकर आ जाता था। उसे पुलिस का कोई खौफ नहीं था। कुछ महीने पहले ही कोतवाली पुलिस ने उसे हेड पोस्ट ऑफिस से प्रॉपर्टी के केस में एक शख्स का कार से अपहरण कर जान से मारने के प्रयास के मामले में जेल भेजा था। वह करीब डेढ़ महीने पहले ही जेल से छूटकर आया था। इससे पहले कोतवाली पुलिस ने भी उसे स्वर्ण टॉवर में शराब न देने पर मारपीट करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

हिस्ट्रीशीटर पाताराम की गोली मारकर हत्या की गई है। उसके खिलाफ 36 मुकदमे दर्ज हैं। अवैध खनन और प्रॉपर्टी में भी वह शामिल था। उसके साथियों पर शक है। हत्यारों की तलाश की जा रही है।

अभिनंदन सिंह, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive