25 प्रतिशत महिलाएं पहुंची साल भर में काउंसलिंग सेशन में

20 लोगों की काउंसलिंग हो रही हर महीने मेडिकल कॉलेज में

240 लोगों की काउंसलिंग हुई हैं बीते एक साल में

30 साल से लेकर 70 साल तक की महिलाएं शामिल

जबकि जिला अस्पताल के किशोर-किशोरी परामर्श केंद्र में

केस:1-

सलमा ने शौक में तंबाकू खाना शुरु किया लेकिन ये कब लत बन गया पता ही नहीं चला. अब वह काउसंलिंग के जरिए इसे छोड़ने की कोशिश कर रही है.

केस:2-

किरन ने दोस्त के कहने पर सिगरेट पी. एक कश इतना भारी पड़ा कि ये आदत में शुमार हो गया. परेशानी बड़ी तो उसने काउंसलिंग सेंटर का सहारा लिया.

केस:3-

एक साल से रमा रेगुलर काउंसलिंग सेंटर जा रही हैं. वह अपनी गुटखा खाने की समस्या से परेशान है. इसकी वजह से उसे गंभीर बीमारी भी लग चुकी हे.

(सभी नाम काल्पनिक हैं)

Meerut . शौकिया तंबाकू सेवन से शुरु हुई लत किशोरियों और महिलाओं के लिए नासूर बन गया है. सलमा, किरन और रमा तो चंद उदाहरण भर हैं. शहर में ऐसी महिलाएं कम नहीं हैं जो तंबाकू उत्पादों की गिरफ्त में हैं और अब इससे तौबा भी कर रही हैं. ये खुलासा मेडिकल कॉलेज के आईसीटीसी सेंटर व जिला अस्पताल के किशोर-किशोरी परामर्श केंद्र की रिपोर्ट में हुआ है.

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ये है रिपोर्ट

मेडिकल कॉलेज के आईसीटीसी सेंटर में हर महीने 20 लोगों की काउंसलिंग की जा रही है. पिछले एक साल में यहां करीब 240 लोगों की काउंसलिंग हुई हैं. इनमें 25 प्रतिशत महिलाएं हैं. जिसमें 30 साल से लेकर 70 साल तक की महिलाएं शामिल हैं. जबकि जिला अस्पताल के किशोर-किशोरी परामर्श केंद्र में हर महीने 5 से 6 लड़कियां ऐसी ही लतों से छुटकारा पाने के लिए पहुंच रही हैं. इनमें 14 साल की लड़कियां भी शामिल हैं.

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ये हैं लत की वजह

- मेट्रो सिटीज में रहकर वेस्टर्न कल्चर की देखादेखी शिकार होना

- कम उम्र में होने वाले डिप्रेशन को दूर करने के लिए

- दोस्तों की सलाह पर सेवन करना

- परिवार में किसी को देखकर लत लगा लेना

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महिलाओं के साथ कम उम्र की लड़कियों की टोबेको की लत गंभीर समस्या है. परामर्श केंद्र पर कई लड़कियां आ रही हैं तो किसी न किसी वजह से इनकी शिकार हो गई. अब छुड़ाना चाहती है.

दिव्यांक दत्त, काउंसलर, किशोर-किशोरी परामर्श केंद्र

Posted By: Lekhchand Singh