इंडियन हॉकी के लीजेंड रहे पूर्व हॉकी प्लेयर मोहम्मद शाहिद की पत्नी अपने दिवंगत पति के सभी अवार्ड सरकार को लौटाने जा रही हैं।

शाहिद की पत्‌नी ने सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
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Varanasi : भारतीय हॉकी को एक नयी पहचान देने वाले ड्रिबलिंग के जादूगर पद्मश्री मोहम्मद शाहिद की पत्‌नी ने पति को मिले पद्मश्री समेत सम्मान समेत को वापस करने की बात कही है। उनका आरोप है कि सरकार उपेक्षा और वादाखिलाफी कर रही है। उनके इस निर्णय से खेल जगत स्तब्ध है।

पीएम को लौटा दूंगी सब सम्मान
पद्मश्री मोहम्मद शाहिद की पत्‌नी परवीन का कहना है कि सरकार ने तो बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन उनमें से एक वादा भी पूरा नहीं हुआ। इस वजह से मोहम्मद शाहिद की पुण्यतिथि के दिन 20 जुलाई को पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार, यश भारती सम्मान समेत अन्य पुरस्कारों को ले जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वापस कर देंगी।

किये थे बड़े वादे
मोहम्मद शाहिद की पत्‌नी का कहना है कि दो साल पहले जब पति का इंतकाल हुआ तो पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कार्ड भेज कर दुख प्रकट किया था।

-सरकार की ओर से वादा किया गया था कि मोहम्मद शाहिद के नाम पर स्टेडियम का नाम रखा जाएगा

-प्रदेश में हॉकी खिलाडि़यों को उनके नाम पर सम्मान दिया जाएगा

-हर साल पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के नाम पर एक राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट भी कराया जाएगा.खुद परवीन ने मोहम्मद शाहिद के जन्मदिन पर पिछले साल करते हुए लगभग लगभग 3 लाख रुपये खर्च कर एक टूर्नामेंट कराया था।

20 जुलाई 2016 को हुआ निधन
भारतीय हॉकी टीम की कमान संभाल चुके पद्मश्री मोहम्मद शाहिद का दो साल पहले 20 जुलाई 2016 को इंतकाल हो गया। उनकी पत्नी का कहना है कि परिवार गुमनामी की जिंदगी जी रहा है। उनका परिवार जब संकट की स्थिति में है तो कोई सुन नहीं रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार बनारस आये। उनसे मिलने के लिए हम लोगों ने समय मांगा लेकिन समय नहीं दिया गया। रेल मंत्री से मिलकर बेटे की नौकरी जल्द लगवाने के लिए कहा गया, लेकिन अब तक बेटा सिर्फ ट्रेनिंग में ही लगा हुआ है। नौकरी कब मिलेगी पता नहीं।

कौन थे मोहम्मद शाहिद
- मोहम्मद शाहिद का जन्म 14 अप्रैल 1960 को बनारस में हुआ था।

- बनारस में ही हॉकी का ककहरा सीखा।

- मैदान पर उनकी ड्रिबलिंग के आगे सभी पस्त रहते थे।

- शाहिद वर्ष 1980 में मॉस्को में हुए ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे।

- वर्ष 1982 के एशियन गेम्स में रजत पदक और 1986 के एशियाड खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे।

- वर्ष 1980-81 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

- हॉकी में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1986 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।

Posted By: Inextlive