RANCHI : हॉकी झारखंड में अजब-गजब खेल चल रहा है। कुछ दिनों पहले हॉकी झारखंड के चुनाव को लेकर विवाद हुआ था और अब एक्स ओलंपियन सिल्वानुस और मनोहर टोपनो को एसोसिएशन से चलता कर दिया गया है। प्रतिभावान खिलाडि़यों को एक्स ओलंपियन से हॉकी के गुर सीखने को नहीं मिलेगा। दोनों ही हॉकी झारखंड के ट्रेनिंग प्रोग्राम से अलग-थलग कर दिए गए हैं। ये अब ट्रेनिंग देने की बजाय कहां खेल होना है, इसकी जिम्मेवारी निभाएंगे।

प्लेयर्स को देते थे ट्रेनिंग

इंडियन मेन्स हॉकी टीम के मेंबर रहे और एक्स ओलंपियन सिल्वानुस डुंगडुंग जहां बरियातू हॉकी सेंटर में ग‌र्ल्स को हॉकी की बारीकियां बताते थे, वहीं खूंटी में खिलाडि़यों को ट्रेनिंग देने का जिम्मा मनोहर टोपनो का था, लेकिन अब ये अपनी सेवा इन खिलाडि़यों को नहीं दे पाएंगे। हॉकी झारखंड ने दोनों से किनारा कर लिया है। अब इनकी हुनर का इस्तेमाल खेलों के आयोजन में सरकार कर रही है।

ट्रेनिंग नहीं देने का है दर्द

प्रतिभावान खिलाडि़यों को ट्रेनिंग नहीं देने सिल्वानुस डुंगडुंग को दर्द सता रहा है। सिल्वानुस ने अपने दर्द को कुछ इस अंदाज में बयां किया- हमें बच्चों को हॉकी के गुर सिखाने में जो सुख मिलता है, वह खेलों के आयोजन में नहीं है। हमें हमारे सुख से वंचित कर दिया गया है। अब तो मैदान मे बच्चों को हॉकी की ट्रेनिंग देने की बजाय ऑफिस में बैठकर हॉकी की नीति तय कर रहे हैं।

सिल्वानुस डुंगडुंग और मनोहर टोपनो को स्पो‌र्ट्स अथॉरिटी ऑफ झारखंड ने स्पो‌र्ट्स को-ऑर्डिनेटर बनाया है। अब वे हॉकी की ट्रेनिंग नहीं दे रहे हैं।

सरवर इमाम

साझा अधिकारी

विपरीत परिस्थितियों में मिला यीशु का साथ

यीशु की प्रार्थना मुझमें हमेशा से संचार भरती है। मुझे यह यकीन तब हुआ जब मुझे विपरीत परिस्थितियों में भी प्रभु का साथ मिला। वैसे तो मैं हर रोज प्रार्थना करता हूं लेकिन जब भी मुझे ऐसा लगा है कि अब आगे कुछ नही हो सकता, तब-तब प्रभु ने मेरा हाथ थामा। ऐसा एक नहीं कई बार हुआ जब मुझे एक अदृश्य रूप से सहारा मिला। क्रिसमस के इस माहौल में मुझे ऐसा लगता है जैसे प्रभु हमारे साथ है और उनके आगमन के साथ ही हमारी सारी परेशानियां भी खत्म हो जाएंगी।

कुलदीप

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Posted By: Inextlive