फाल्गुन मास में होली का अपना ही महत्व है। इस त्योहार से भगवान शिव और माता पार्वती का भी खास लगाव है। आइए जानते हैं इस सप्ताह के व्रत और त्योहार के बारे में।

20 मार्च: व्रत की फाल्गुनी पूर्णिमा। होलिका दहन। डोल यात्रा।

21 मार्च: स्नान दानादि की पूर्णिमा। महाप्रभु चैतन्य जयंती। चैत्र मास कृष्ण पक्षारंभ। धुरड्डी। होली। बसंत प्रतिपदा। संत तुकाराम जयंती।

22 मार्च: भ्रातृ द्वितीया। भैया दूज।

25 मार्च: सोमवती पंचमी पर्व। रंग पंचमी।

निर्झरिणी

मेघ वर्षा करते समय यह नहीं देखता कि भूमि उपजाऊ है या ऊसर। वह दोनों को समान रूप से सींचता है। गंगा का पवित्र जल उत्तम और अधम का विचार किए बिना सबकी प्यास बुझाता है। — संत तुकाराम

मुक्ति के उपाय

पुरुष: प्रकृतिस्थो हि भुंग्क्ते प्रकृतिजान्गुणान्। कारणं गुणसंगोस्य सदसद्योनिजन्मसु।।

प्रकृति के बीच में खड़ा होनेवाला पुरुष ही प्रकृति से उत्पन्न हुए गुणों के कार्यरूप पदार्थो को भोगता है और इन गुणों का संग ही इस जीवात्मा के अच्छी तथा बुरी योनियों में जन्म लेने का कारण है। यह कारण अर्थात प्रकृति के गुणों का संग समाप्त होने पर ही जन्म-मृत्यु से मुक्ति मिलती है।

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Posted By: Kartikeya Tiwari