भारत एक ऐसा देश है जहां संस्‍कृति परंपरा और मान्‍यताओं का अद्भुत मिलन है। भारत में रहने वाले हिंदुओं के लिए इन मान्‍यताओं और कल्‍चर का स्‍थान सबसे ऊपर है। ऐसे में अक्‍टूबर का महीना शुरु होते ही श्राद्ध का सिलसिला भी शुरु हो गया। हर साल पितृ पक्ष सितंबर और अक्‍टूबर महीने में मनाया जाता है। जोकि 16 दिनों तक चलता है। ‘पितृ पक्ष’ अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने उनका स्मरण करने और उनके प्रति श्रद्धा अभिव्यक्ति करने का महापर्व है। श्राद्ध से पितृगण प्रसन्न होते हैं और श्राद्ध करने वालों को सुख-समृद्धिसफलताआरोग्य और संतान रूपी फल देते हैं। तो आइए इस अवसर पर जानते हैं भारत की उन 7 धामिर्क जगहों को जहां श्राद्ध करने का महत्‍व है....


(1) गया :- श्राद्ध करने की सबसे महत्वपूर्ण और उपयुक्त जगह 'गया' है। बिहार का यह धार्मिक शहर गया खासतौर से पिंडदान करने के लिए ही जाना जाता है। कहा जाता है कि जिसने गया में श्राद्ध कर दिया, उसे हर साल अपने पूर्वजों को पिंडदान नहीं करना पड़ता। गया में किया गया श्राद्ध सर्वोत्तम होता है जिससे पित्रों की आत्माओं को शांति मिल जाती है। रामायण और महाभारत में भी इस स्थल की गयापुरी नाम से व्याख्या की गई है।     
(3) बद्रीनाथ :- बद्रीनाथ भगवान शिव का स्थल माना जाता है। भोले बाबा के लाखों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। यहां कई पूजा और अन्य कर्म-कांड आयोजित किए जाते हैं। यहां पर सबसे मशहूर ब्रह्म कपाल घाट में काफी अधिक संख्या में पिंडदान किए जाते हैं। यहां से निकलने वाली अलखनंदा नदी पर यह आयोजन होता है और लोग अपने पितरों के लिए प्रार्थना करते हैं।(5) कुरुक्षेत्र :- हरियाणा का कुरुक्षेत्र भी हिंदु मान्यताओं के अनुसार सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहां पर भी पिंड दान करने लोग दूर-दूर से आते हैं।


(7) जगन्नाथ पुरी :- आमतौर पर पुरी की पहचान जगन्नाथ रथ यात्रा के तौर पर जानी जाती है। यह रथ यात्रा काफी बड़ी होती है। लेकिन यहां पर पितरों को पिंडदान भी किया जाता है। उड़ीसा में स्थित पुरी का अपना अलग महत्व है।inextlive from Spark-Bites Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari