-देवरनियां में शारदा नहर में हत्या कर युवती का शव फेंकने का खुलासा

-पुलिस ने पिता और भाई को किया गिरफ्तार, हाथ पर लिखे नंबर से खुलासा

BAREILLY: बरेली में एक और ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। बार-बार घर से भागने और गलत धंधा करने से हो रही बदनामी के चलते पिता और भाई ने युवती की गला दबाकर हत्या कर शव शारदा नहर में फेंक दिया था। युवती, भोजीपुरा थाना के मुडि़या हाफिज गांव की रहने वाली थी। देवरनियां पुलिस ने हाथ पर लिखे 9 डिजिट के मोबाइल नंबर के आधार पर वारदात का खुलासा करते हुए हत्यारोपी पिता-भाई को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को सैटरडे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

कुचल दिया था चेहरा

एसपी रुरल डॉ। सतीश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 9 अक्टूबर को देवरनियां थाना के खमरिया गोपाडांडी गांव के पास शारदा नहर में 20 वर्षीय युवती का शव मिला था। चेहरा कुचला होने से युवती की पहचान नहीं हो सकी थी। युवती के हाथ पर एक मोबाइल नंबर लिखा था लेकिन उसमें सिर्फ 9 ही डिजिट थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या सामने आया था। हत्या की एफआईआर दर्ज कर केस की जांच इंस्पेक्टर मनोज ने शुरू की तो कई तथ्य सामने आए।

1 नंबर के लिए 75 कॉल

पुलिस ने जब हाथ पर लिखे मोबाइल नंबर को देखा तो पुलिस को लगा कि अब पहचान आसान हो जाएगी लेकिन जब सही से नंबर देखा तो सिर्फ 9 ही डिजिट थीं। 10 वीं डिजिट आगे से या पीछे से गायब है, यह नहीं पता था। इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने एक-एक करके करीब 75 मोबाइल नंबरों पर बात की। इसी दौरान एक नंबर पर संपर्क हुआ और उससे युवती के शव मिलने के बारे में बताया तो युवक ने कहा कि उसकी कोई बहन नहीं है और फोन काट दिया। यही नहीं उसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया, जिससे पुलिस का शक इस नंबर पर चला गया। फोन में लास्ट नंबर 4 था।

कोतवाल का दोस्त बनकर फंसाया

इंस्पेक्टर मनोज ने बताया कि उन्होंने 16 अक्टूबर को प्राइवेट शख्स बनकर युवक के नंबर पर फोन किया। उन्होंने कहा कि वह कोतवाल के दोस्त हैं, वह बिल्कुल टेंशन न ले। वह उसकी मदद कर देंगे, यही नहीं उसे भरोसे में लिया कि उसकी बहन गलत थी, उसने जो किया वह सही है। उन्होंने इसकी ऑडियो भी रिकार्ड कर ली। उसके बाद उन्होंने फोन पर बात करने वाले को मिलने के लिए बुलाया और उससे पूछताछ की। इसकी वीडियो भी बना ली। उसके बाद इंस्पेक्टर ने युवक को पकड़कर पूछताछ की।

कई बार घर से भागी थी

पुलिस पूछताछ में युवती की पहचान मुडि़या हाफिज निवासी अंजुम के रूप में हुई। उसके पिता का नाम बन्ने शाह और भाई कासिम अली है। जब पुलिस ने कासिम से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी बहन 3 से 4 बार घर अलग-अलग युवकों के साथ भाग गई थी। यही नहीं वह गलत धंधे में भी पड़ गई थी, जिसकी वजह से उनकी काफी बदनामी हो रही थी। लोग उन्हें ताना देते थे। बहन को काफी समझाया लेकिन वह नहीं मानी और घर से चली गई।

बुआ के घर ले जाने का बहाना

कासिम ने बताया कि उसे पता चला कि बहन पीर बहोड़ा इज्जतनगर में किराये पर कमरा लेकर रहने लगी है। वह अपने पिता के साथ बहन को लेने पीरबहोड़ा गया। वह उसे देवरनियां लेकर पहुंचे। रास्ते में सेमी खेड़ा से ऑटो बुक किया और बोले कि वह कुछ दिन बुआ के घर रह लेगी और उसके बाद वह घर ले जाएंगे। अंजुम, पहले कभी बुआ के घर नहीं गई थी। वह ऑटो से रम्पुरा चौराहा पर रात करीब 9 बजे उतरे और फिर पैदल-पैदल करीब 5 किलोमीटर तक से लेकर गए। उसने बहन के गले में रस्सी का फंदा लगाया और पिता ने मुंह दबा दिया। जब अंजुम की मौत हो गई तो पहचान छिपाने के लिए रॉड से उसका चेहरा खराब कर दिया और नहर में फेंक दिया।

शारदा नहर में मिली युवती की लाश की मोबाइल नंबर से पहचान हुई। पूछताछ में पिता और भाई के द्वारा हत्या सामने आया है। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

डा। सतीश कुमार, एसपी रुरल

Posted By: Inextlive