गैलेंट्री अवार्ड : यूपी पुलिस के इन जांबाजों ने जान की बाजी लगाकर बदमाशों को लगाया ठिकाने
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LUCKNOW: एडीजी एलओ आनंद कुमार : वर्ष 1996 में गाजियाबाद में एएसपी के पद पर तैनात रहने के दौरान बब्बर खालसा के आतंकियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी। लंबे समय तक गैलेंट्री दिए जाने के प्रस्ताव की फाइल लटकी रही। करीब ढाई दशक बाद अब इस उपलब्धि के लिए गैलेंट्री अवार्ड दिया गया है।
एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी, एसआई सत्य प्रकाश सिंह, हेड कांस्टेबल भानु प्रताप सिंह, कांस्टेबल यशवंत कुमार सिंह व आरक्षी संतोष कुमार सिंह : विगत 19 मई 2016 को एसटीएफ फील्ड इकाई गोरखपुर से हुई एक साहसिक मुठभेड़ में 50 हजार रुपये के ईनामी अपराधी धर्मेन्द्र सिंह को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की थी। बाद में धर्मेंद्र सिंह की मुठभेड़ में घायल होने के बाद अस्पताल में मुत्यु हो गयी थी। इस एनकाउंटर में एसटीएफ के पांच जाबांजों को गैलेंट्री दिया गया है।
पुलिस महानिदेशक उ.प्र. द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों को संबोधन।#UPPolice #HappyRepublicDay2019 pic.twitter.com/Fhs1qJiGWX
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एएसपी विशाल विक्रम सिंह और एसआई विनय कुमार सिंह : तराई क्षेत्र में आतंक का पर्याय रहे एक लाख के ईनामी अपराधी बग्गा सिंह को पिछले साल 17 जनवरी को लखीमपुर खीरी के थाना निघासन में मुठभेड़ में मार गिराने में सफलता प्राप्त की। बग्गा पांच साल से पुलिस अभिरक्षा से एक आरक्षी की निर्मम हत्या कर फरार हो गया था। उसके बाद से ही इण्डो-नेपाल बार्डर पर अपराध में सक्रिय था।
इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही, इंस्पेक्टर धर्मेश कुमार शाही : आनंद शाही और धर्मेश कुमार शाही ने वर्ष 2018 में सुपारी किलर्स सलीम, रुस्तम और शोहराब के शार्प शूटर सुनील शर्मा को एनकाउंटर में ढेर किया था। आनंद उस दौरान इंस्पेक्टर हजरतगंज के पद पर तैनात थे जबकि धर्मेश सरोजनीनगर में। वर्तमान में आनंद इंस्पेक्टर चिनहट और धर्मेश अंबेडकरनगर में तैनात हैं।