Jamshedpur: पिछले दस सालों में सिटी की आबादी में करीब दो लाख का इजाफा हुआ है. यूं तो इस बढ़ती आबादी के साथ कई समस्याएं हैं पर सबसे बड़ी प्रॉब्लम है हाउसिंग फैसिलिटीज की. पिछले कुछ सालों में सिटी के डिफरेंट एरियाज में प्रॉपर्टी के रेट तो बढ़े ही है साथ ही मकानों और फ्लैट्स के दाम में भी तेजी से इजाफा हुआ है. ऐसे में लोगों के लिए एक बेहतर घर की तलाश काफी मुश्किल हो गई है.

बढ़ी आबादी, पर सुविधाएं वही
2001 में सिटी की जनसंख्या करीब 11 लाख थी। 2011 में यह बढक़र करीब 13 लाख के पास पहुंच गई। इन दस सालों में सिटी के पॉपुलेशन में लगभग दो लाख की बढ़ोतरी हुई, पर सुविधाओं में कोई खास इंप्रूवमेंट नहीं हुआ। इस दौरान हाउसहोल्ड्स की संख्या में 60 हजार से भी कम का इजाफा हुआ। 2001 सेंसस के मुताबिक जमशेदपुर अर्बन एरिया में एक लाख 99 हजार 864 हाउसहोल्ड्स थे। 2011 में जिले में अर्बन हाउसहोल्ड्स दो लाख 58 हजार 771 थे। हालांकि हाउसहोल्ड्स और पॉपुलेशन में हुए इजाफे पर नजर डालें तो कंडीशन खास बुरी नहीं दिखती, लेकिन हाउसहोल्ड्स की क्वालिटी की तरफ देखने पर कई कमियां नजर आती हैं।

26.2 % घरों में tap water
सेंसस आंकड़े पर गौर करें तो इस्ट सिंहभूम में लिवेबल हाउसहोल्ड्स की संख्या सबसे कम है। आंकड़ों के अनुसार डिस्ट्रिक्ट में सिर्फ 37.4 परसेंट हाउसहोल्ड लिवेबल हैं। इनकी संख्या एक लाख 75 हजार 535 है। उधर अन्य दूसरी सुविधाओं में भी काफी कमी नजर आती है। एग्जांपल के तौर पर डिस्ट्रिक्ट के महज 26.2 परसेंट हाउसहोल्ड्स में ट्रीटेड सोर्स से टैप वाटर की सुविधा है।

Property का बढ़ता rate है बड़ी problem
जमीन और फ्लैट की बढ़ती कीमतें सिटी के लोगों के लिए बड़ी मुसीबत है। हाल ही में गवर्नमेंट द्वारा जमीन के मिनिमम रेट में 20 परसेंट और फ्लैट के मिनिमम रेट में 10 परसेंट का इजाफा किए जाने के बाद प्रॉपर्टी की कीमत आसमान छूने लगी है। पिछले सात महीनों में जमीन और फ्लैट की कीमत में किया जाने वाला यह दूसरा इजाफा है। इस बढ़ोतरी के बाद साकची इलाके में मेन रोड पर मौजूद रेसिडेंशियल फ्लैट या बिल्ंिडग की मिनिमम प्राइस 4960 रुपए प्रति स्क्वायर फीट हो गयी है और सीएच एरिया में 4950 रुपया प्रति स्क्वायर फीट। इसके अलावा काशीडीह, बिष्टुपुर, जुगसलाई सहित कई अन्य इलाकों में जमीन और फ्लैट के दाम में इजाफा किया  गया है।

मकानों के rent भी बढ़े
इंडस्ट्रियल टाउन होने से सिटी में बड़ी संख्या में माइग्र्रेशन भी होता है। ऐसे लोगों के लिए किराए का मकान ही सहारा है। डिस्ट्रिक्ट में रेंटेड हाउसहोल्ड्स की संख्या स्टेट में सबसे ज्यादा है। डिस्ट्रिक्ट में 21.4 परसेंट रेंटेड हाउसहोल्ड्स हैं, जिनकी संख्या एक लाख से ज्यादा है। पिछले कुछ सालों में सिटी के डिफरेंट एरियाज में रेंट में बेतहाशा बढ़ोतरी ने रेंटेड मकानों में रहने वाले लोगों की समस्या काफी बढ़ा दी है। पिछले पांच सालों में सिटी में मकानों के रेंट में 3 से 4 गुना तक का इजाफा हुआ है। प्रॉपर्टी डीलर अभिजीत भïट्टाचार्य बताते हैं कि सोनारी एरिया में फिलहाल 3 बीएचके रेसिडेंशियल फ्लैट का रेंट करीब 8 से 12 हजार के बीच है, जबकि पांच साल पहले ये रेंट 3 से 4 हजार के करीब था।

'पिछले पांच सालों में मकानों के रेंट में काफी इजाफा हुआ है। कॉमर्शियल यूज के बढऩे से भी रेंट बढ़ रहे हैं.'
-अभिजीत भïट्टाचार्य, प्रॉपर्टी डीलर

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in

Posted By: Inextlive