220 एकड़ में फैली हुई सीसीएसयू

2500 से 4000 तक स्टूडेंट्स की रोजाना होती है आवाजाही

2000 से 3000 स्टूडेंट्स कैंपस में रहते हैं

40 साल पुराने हैं बिजली के वायर व बोर्ड

200 अग्निशमक सिलेंडर ही लगे हैं यूनिवर्सिटी परिसर में

पुरानी बिल्डिंग में कही भी नही लगा एक भी फायर सेफ्टी पैनल

1 करोड़ रुपए का आता है सालभर का मरम्मत का बजट

आग बुझाने के नहीं हैं प्रॉपर इंतजाम

खुले तारों से कभी भी हो सकता है हादसा

Meerut. सीसीएसयू में आग बुझाने का सिस्टम ठप है, यहां सदियों पुरानी वायरिंग भी खराब है, अगर विभागों की वायर हाउस देखे जाए तो उनके हालात भी एकदम खस्ता है. गजब की बात तो ये है इनके आसपास अगर कोई घटना हो जाए तो आग बुझाने तक के इंतजाम नही है. यही नहीं बिल्डिंग के आसपास कोई वाटर फायर सेफ्टी पैनल सिस्टम तक नही है, ऐसे में एक भी शार्ट सर्किट हुआ तो पूरी बिल्डिंग व सैकड़ों जरुरी कागजात खाक हो सकते हैं. फिलहाल तो हालात ये है कि अगर जरा सी भी चिंगारी लगी तो न जाने कब कोई हादसा हो जाए.

काफी पुरानी है वायरिंग

यूनिवर्सिटी की वायरिंग व्यवस्था के देखते ही पता लगता है न जाने कितने साल से इन पर कोई काम नहीं हुआ है. क्या पावर हाउस, क्या लाइट, क्या ट्रांसफॉर्मर क्या बिजली पैनल बोर्ड सभी की खतरनाक स्थिति देखने से पता लगती है. जगह-जगह गले हुए तारों का मकड़जाल है. पावर हाउस तो खुद हादसों का न्यौता देता नजर आ रहा है. 40 साल पुरानी वायरिंग को देखते ही लगता है न जाने इनको कब से री वायरिंग न हुई हो, हालांकि इलेक्ट्रिकल विभाग का कहना है छह या सात साल पहले री वायरिंग हुई है, पर हालात देखने से ही पता लगता है कि इनपर री वायरिंग हुए सदियों हो गई है. वहीं विभागों में पुराना कंडम लकड़ी का फर्नीचर इधर-उधर ही पड़ा हुआ है. शार्ट सर्किट होते ही ये भयावह रुप ले लेंगे.

नहीं है कई जगह सिलेंडर

अगर हम यूनिवर्सिटी के विभागों की बात करे तो काफी जगह ऐसी है जहां पर आपको देखने से भी सिलेंडर नहीं मिलेंगे, जैसे परीक्षा विभाग, गोपनीय विभाग वहीं बीएड विभाग के सामने वाले फायर सेफ्टी टूल्स खराब ही पड़े है. जबकि कुछ वार्डो में बाहर खराब सिलेंडर लगे है, हालांकि, काफी जगह पर तो सिलेंडर बदले भी गए है, पर काफी ऐसे है जिनमें खराब ही सिलेंडर है. परीक्षा विभाग में लगे अग्निशमक सिलेंडर काफी छोटे हैं.

इस बार जो बजट आएगा उससे इसके लिए कार्य होगा, पुरानी दिक्कतों को देखा जा रहा है, जो भी समस्या आ रही है उनको हमारे लेवल पर साल्व किया जा रहा है.

धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू

Posted By: Lekhchand Singh