-निगम की आवासीय जमीन लीज पर लेकर चला रहे हैं कॉमर्शियल एक्टिविटी

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PATNA: जिन लीज धारकों को गरीब समझकर सरकार और नगर निगम ने जमीन के फ्री होल्ड टैक्स में कटौती का कदम उठाया है वे करोड़पति हैं। पीआरडीए से आवासीय जमीन व फ्लैट लेकर लाखों रुपए कमा रहे हैं। इस खेल में साधारण व्यक्ति शामिल नहीं हैं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री, रिटायर जज, आईएएस अधिकारी से लेकर प्रसिद्ध अधिवक्ता और डॉक्टर तक शामिल हैं।

बड़ा सवाल: आखिर निगम ने क्यों नहीं की कार्रवाई?

आवासीय जमीन पर कई सालों से कॉमर्शियल गतिविधियां चलाए जाने की शिकायत निगम को मिल रही है। लेकिन निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। माना जा रहा है कि कृष्णापुरी, कंकड़बाग और राजेंद्रनगर में आवासीय लीज की जमीन पर अधिकारियों की मिलीभगत में दशकों से अवैध कमाई का खेल चल रहा है।

रेजिडेंशियल जमीन पर चल रहा सुपर मार्केट

श्रीकृष्णापुरी में मशहूर अधिवक्ता रेनूका सिन्हा ने लीज पर जमीन ले रखी है। इस जमीन पर 10 साल से सुपर मार्केट 9 टू 9 और रेस्टोरेंट का संचालन हो रहा है। करीब आधे दर्जन से अधिक फ्लैट को किराए पर दिए गए हैं। जानकारों की मानें तो नगर निगम से आवास के रूप में उपलब्ध कराई गई इस जमीन पर हर माह 2 लाख से अधिक किराया वसूल किया जा रहा है।

कर्नल साहब भी हर माह कमा रहे 2 लाख

श्रीकृष्णापुरी में कर्नल पद से रिटायर शिवेंद्र नाथ ने पीआरडीए से लीज पर जमीन ले रखी है। इस जमीन पर उन्होंने एलजी का शोरूम और रेस्टोरेंट का संचालन करवा रखा है। शोरूम और रेस्टोरेंट के कर्मचारियों की की मानें तो मकान मालिक को हर महीने 2 लाख से अधिक किराया दिया जा रहा है। आवासीय जमीन पर कमाई का यह खेल पिछले लंबे समय से चल रहा है।

पूर्व सीएम का परिवार भी खेल में शामिल

पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा के परिवार वाले भी आवासीय जमीन पर कमाई के अवैध खेल से अछूता नहीं रह गए हैं। उनके द्वारा नगर निगम से लिए गए लीज पर पिछले कई सालों से बीकानेर स्वीट्स का संचालन किया जा रहा है। यह स्वीट्स पटना के ही व्यवसाई अवध अग्रवाल चला रहे हैं और करीब 2 लाख रुपए इस पूरी बिल्डिंग से पूर्व सीएम के परिवार की आमदनी हो रही है। बताते चलें कि पूर्व सीएम की इस जमीन पर मौजूदा समय में उनके पुत्र और दरभंगा से भाजपा सांसद कीर्ति आजाद का मालिकाना हक है।

यह होना चाहिए

नगर निगम एक्ट के अनुसार आवास के लिए आवंटित किए गए किसी भी भूखंड या फ्लैट में कॉमर्शियल कारोबार नहीं होना चाहिए। इसका उपयोग उन्हें खुद करना होगा। जमीन या फ्लैट में निगम से अनुमति लिए बिना किसी प्रकार की मरम्मत या फिर निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है।

लेकिन यह हो रहा है

आवासीय जमीन पर 90 परसेंट से

अधिक लोग कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने या तो खुद ही दुकान, अस्पताल,

एजेंसी आदि खोल रखी है या फिर

उन्होंने हर माह लाखों रुपए किराए पर इस लीज की जमीन और फ्लैट को दे दिया है।

अगर निगम ने आवासीय जमीन या फिर फ्लैट उपलब्ध कराया है तो इस नियम को कड़ाई से पालन करवाना चाहिए।

-पिंकी कुमारी, पार्षद वार्ड संख्या 21

सरकार ने निगम को कार्रवाई करने का अधिकार नहीं दिया है। ऐसे में नियम तोड़ने पर नगर निगम कोई भी कार्रवाई नहीं कर पाता है।

-विनय कुमार पप्पू , डिप्टी मेयर

अगर आवासीय जमीन का कॉमर्शियल उपयोग हो रहा है तो जांच करवाया जाएगा और उचित कार्रवाई होगी।

-देवेंद्र तिवारी, अपर नगर आयुक्त नगर निगम पटना

Posted By: Inextlive