अच्छा! तो ऐसे हो रहा है देश मे काला धन सफेद
1- ऐसे हो रहा है काला धन सफेदकंपनियों के मालिक अपनी कंपनी और फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों और मजदूरों को दिन भर की देहाड़ी देकर उन्हें बैंकों के बाहर नोट बदलने के लिए लाइन में खड़ा कर रहे हैं। कई कंपनियों और स्कूलों में काम करने वालों को छह महीने की एडवांस सेलेरी दी जा रही है। जिससे काले धन की खपत में मदद मिल सके और आसानी से ब्लैक को व्हाईट किया जा सके।
देश के कई हिस्सो में प्राइवेट ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी आईडी पर कंपनी मालिक रूपये एक्सचेंज कराने के लिए भेज रहे हैं। कई घंटो तक कर्मचारी ड्यूटी छोड़कर नोट एक्सचेंज करने के लिए बैंकों की लाइन में खड़े हो रहे हैं। हर रोज वो एक से दो बैंकों में लाइन लगकर नोट बदलने का काम कर रहे हैं।
500 और 1000 के नोट बैन होने के बाद कमीशन पर नोट बदलने वाले ब्रोकर सक्रिय हो गए हैं। 20 परसेंट से लेकर 35 परसेंट पर नोट बदलने का गोरख धंधा शुरु हो गया है। कोई आरटीजीएस के माध्यम से नोट बदलवा रहा है तो कोई कैश में नोट बदलवा रहा है। रकम अगर दस लाख से ऊपर है तो ही नोट बदले जा रहे हैं। अगर नोट एक सप्ताह बाद चाहिए तो कमीशन 20 परसेंट है। नोट तुरंत बदलाना है तो कमीशन 35 परसेंट है।
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