कॉलेजों में एडमिशन लेने को लेकर स्टूडेंट्स कंफ्यूजन में हैं. भले ही सीटों के इश्यू पर एचआरडी ने कॉलेजों को बांध रखा है लेकिन एक बार फिर पीयू के कॉलेजों में सीटों से अधिक एडमिशन का मामला आया है.

पटना यूनिवर्सिटी में मिशन एडमिशन जारी है। एक ओर काउंटर पर लंबी लाइन है, तो दूसरी ओर कॉलेजों में एडमिशन लेने को लेकर स्टूडेंट्स कंफ्यूजन में हैं। भले ही सीटों के इश्यू पर एचआरडी ने कॉलेजों को बांध रखा है, लेकिन एक बार फिर पीयू के कॉलेजों में सीटों से अधिक एडमिशन का मामला आया है। मामला पटना कॉलेज से रिलेटेड है। इसमें प्रिंसिपल डॉ। लालकेश्वर प्रसाद ने 400 सीटों पर एडमिशन की घोषणा की है।
उनका कहना है कि सीटें घटाई गयी हैं, जबकि पटना कॉलेज की टोटल सीटें 400 ही हैं। सीट बढऩे का प्रपोजल कभी मंजूर ही नहीं हुआ। अब कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन अपनी पुरानी गलतियों को ढंकने के लिए सीटों से कम एडमिशन होने की बात कर रहा है।

पटना कॉलेज में सीटों का पेंच
* पटना कॉलेज में ग्रेजुएशन में टोटल 400 सीटें सैंक्शंड हैं।
* एक्स वीसी प्रो वाईसी सिम्हाद्री ने 100 सीटें बढ़ाने की मंजूरी दी। प्रपोजल मंजूरी के लिए एचआरडी डिपार्टमेंट के पास भेजा।
* सीटें पहले ही बढ़ गईं, एडमिशन भी हो गया लेकिन प्रपोजल पेंडिंग पड़ा रहा।
* एक्स वीसी प्रो श्याम लाल आए और उन्होंने भी एक्स्ट्रा 100 सीटों पर बिना एचआरडी के अप्रूवल के मंजूरी दी।
* प्रो लाल ने जब एचआरडी को प्रपोजल भेजा तो तत्कालीन एजुकेशन सेक्रेटरी केके पाठक ने सीटों को मंजूरी नहीं दी।
* एजुकेशन सेक्रेटरी के ऑर्डर के बावजूद पटना कॉलेज में सेशन 2010-11 में 600 सीटों पर एडमिशन लिए गए।

क्या था बीबीए मामला
* पटना कॉलेज में चलने वाले वोकेशनल कोर्स बीबीए में सीटों से अधिक एडमिशन लेने का मामला 2008 में हुआ था।
* पटना कॉलेज बीबीए में तय 60 सीटों की बजाय 147 स्टूडेंट्स का एक्स्ट्रा एडमिशन लिया गया।
* एडमिशन जून महीने में हुआ, क्लासेज जुलाई से शुरू हुईं। मामला सामने आया सितंबर में।
* इश्यू के सामने आने के बाद इंक्वायरी हुई, फिर नवंबर महीने में सभी एक्स्ट्रा एडमिशन कैंसिल कर दिए गये।
* जिन स्टूडेंट्स का एडमिशन कैंसिल किया गया उन्होंने 4 महीने की पढ़ाई भी कर ली थी।

दोनों इश्यूज में सिमिलैरिटी
* दोनों ही मामलों में बिना सैंक्शंड सीटों के एडमिशन लिए गये।
* दोनों ही इश्यूज में स्टूडेंट्स ने पढ़ाई की है, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने अंधेरे में रखा है।
* दोनों बार ही एचआरडी से अप्रूवल नहीं मिलने के कारण एडमिशन लटका।

बीबीए इश्यू पर हुई कार्रवाई
* बीबीए इश्यू पर इंक्वायरी कर पीयू एडमिनिस्ट्रेशन ने सभी एडमिशन कैंसिल कर दिए।
* कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ। पीसी वर्मा को तत्काल सस्पेंड किया गया और बाद में प्रो वर्मा को डिस्मिस किया गया। प्रो वर्मा अभी भी डिस्मिसल मे ही हैं।
* कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल प्रो रणविजय कुमार का पहले ट्रांसफर, फिर सस्पेंशन और बाद में उन्हें डिस्मिस भी किया गया। हालांकि प्रो कुमार का डिस्मिसल वापस हो चुका है।

करेंट इश्यू पर होने वाली कार्रवाई

* पटना कॉलेज के नॉर्मल कोर्स में सीटों के कंफ्यूजन को तत्कालीन वीसीज ने हवा दी।
* बिना अप्रूवल के प्रो वाईसी सिम्हाद्री और प्रो श्याम लाल ने सीटें बढ़ाईं।
* कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन सीटें घटाने की बात को लेकर डैमेज कंट्रोल करना चाह रहा है।
* पीयू एडमिनिस्ट्रेशन अभी भी खामोश है। वीसी सिर्फ फिक्स्ड सीटों पर ही एडमिशन की बात कह रहे हैं।

 

Posted By: Inextlive