RANCHI: हाल ही में गोड्डा की पहाडि़या जाति की लड़की की मौत के बाद बिहार के कहलगांव से गिरफ्तार किए गए मानव तस्कर के सरगना रोहित मुनि ने एक नया खुलासा किया है। उसने एक ऑडियो जारी किया है, जिसमें रोहित मुनि ने कहा है कि झारखंड से मानव तस्करी जैसी कोई चीज नहीं है। यह झारखंड पुलिस के लिए धंधा बन गया है। जिन लड़कियों को पुलिस रेस्क्यू कर वापस झारखंड ले जाती है फिर वही लड़की दो-तीन महीने बाद उसके ही पिता द्वारा दूसरे मानव तस्करों को बेच दी जाती है। मानव तस्करी पुलिस के लिए एक मनचाहा वरदान बन गया है। फिर पुलिस लड़की को बरामद करने के लिए उसके गार्जियन पर दबाव डालती है और उससे अंगूठा लगवाकर या सिग्नेचर करवाकर एक झूठा मुकदमा दर्ज करती है। फिर उस लड़की की तलाश शुरू हो जाती है। अनुसंधान के क्रम में पहुंचे पुलिसकर्मी जिस के यहां लड़की मिलती है। उससे पैसे उगाही करने का काम करती है पुलिस उन मानव तस्करों के पास जाकर पैसे की डिमांड करती है और उन्हें केस मैनेज करने की भी बात कह कर अच्छी खासी रकम लेकर वापस लौटती है।

क्या कहता है मानव तस्कर

मानव तस्कर रोहित मुनि के इस ऑडियो से झारखंड पुलिस की कार्यशैली पर एक प्रश्न चिन्ह उठ जाता है। रोहित मुनि ने बताया है कि वह दिल्ली में झारखंड के गुमला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से आई लड़कियों के पुनरुत्थान के लिए काम करता है। रांची, खूंटी, सिमडेगा से लड़कियों के तमाम पैरेंट्स आते हैं, लेकिन उसे रांची में मानव तस्कर का दर्जा दिया जाता है। वह दिल्ली में केजरीवाल सरकार से इन लड़कियों की भलाई के लिए मुकदमा लड़ता है और इनके हक के लिए आवाज उठाता है पर झारखंड में उन चीजों को दबा दिया जाता है और उन्हें मानव तस्कर की संज्ञा दे दी जाती है।

सीआईडी आईजी ने दी है क्लीन चिट

रोहित मुनि ने बताया कि सिमडेगा के केस में उन्हें तत्कालीन आईजी सीआईडी रह चुके अनुराग गुप्ता ने उन्हें क्लीन चिट दी है। रिपोर्ट में है कि सिमडेगा की लड़की रोहित मुनि और प्रभा मुनि को जानती ही नहीं है और न उसकी मां ही जानती है। इस बात की जानकारी रोहित मुनि ने ऑडियो को दी है।

केजरीवाल को भी बेइज्जत किया

रोहित मुनि ने बताया कि मंच पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आए थे, लेकिन उन्हें काफी बेइज्जत किया था। रोहित ने कहा कि वह दिल्ली में जो काम कर रहा है, उनसे भी दुश्मनी झेल रहा है। रोहित के ऑडियो में यह भी कहा है कि दिल्ली में 24 घंटे काम करनेवाली लड़कियों की सुविधा का ख्याल नहीं रखा जाता है। बीमार होने पर अस्पताल में दाखिला नहीं होता है तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा। आठ घंटे काम करनेवाले को ईएसआई अस्पताल में इलाज होता है तो इनलोगों का इलाज क्यों नहीं होता है।

मानव तस्करी का अर्थ नहीं जानता?

रोहित मुनि ने बताया कि यहां आदिवासी लड़की की मौत होती है तो उसे कोई दफनाने वाला नहीं होता है। सब उसके पास मदद मांगने आते हैं। उसे मानव तस्कर बनाया जाता है, जबकि वह मानव तस्करी का मतलब नहीं जानता है। पुलिस झूठा मुकदमा दर्ज करती है, उसने बताया कि प्लेसमेंट एजेंसी पैसा लेकर केस करवाती है। सिमडेगा की राजे मैडम के बारे में कहा कि वह बहुत अच्छा काम कर रही हैं। रोहित मुनि ने कहा कि पुलिस अभिभावक के पास जाती है और कहती है कि बेटी कहां है? इसके बाद अंगूठा लगवाती है और फिर उसका अनुसंधान शुरू कर देती है।

2012 में पहुंचा था वैद्यनाथ

रोहित मुनि ने बताया कि 2012 में बैद्यनाथ भी उसके ग्राउंड में आया था, जिसकी तस्वीर भी उसके पास है। रोहित मुनि ने कहा कि आखिर उस वक्त उसे अरेस्ट क्यों नहीं किया गया।

सिस्टम ही करप्ट है

मानव तस्करी का धंधा करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी को मुखबिर बनाते हैं और उसके द्वारा ही वसूली की जाती है। उसने कहा कि जिसने केस करवाई है, वह सामने आने पर पहचानता नहीं है। पीडि़त लड़की की मां भी इग्नोर कर देती है।

Posted By: Inextlive