ह्यूमन ट्रैफिकिंग में 8 को सजा
- 7 को 12-12 वर्ष की सजा, एक को 7 वर्ष की जेल
- सभी दोषियों पर लगाया 20-20 हजार का अर्थदंड देहरादून, नाबालिग लड़कियों से जबरन देह व्यापार कराने के मामले में दोषी पाये गए 8 लोगों को पोक्सो कोर्ट ने सजा सुनाई है। पोक्सो जज रमा पांडे ने 7 दोषियों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग में 12-12 वर्ष की सजा व एक को रेप का दोषी पाते हुए 7 वर्ष की सजा सुनाई। सभी दोषियों को सजा के अतिरिक्त 20-20 हजार रुपए का अर्थदंड भी चुकाना होगा। सुनवाई के दौरान दो आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया। होटल से अरेस्ट किए थे 8 आरोपीपुलिस से मिली जानकरी के मुताबिक 8 अक्टूबर 2015 को सहसपुर थाने में एक पीडि़ता द्वारा तहरीर दी गई थी, कि कुछ लोगों ने उसे बंधक बनाकर जबरन देह व्यापार में धकेला। वह किसी तरह उन लोगों के चंगुल से भागी और पुलिस को आपबीती बताई। सहसपुर पुलिस द्वारा इलाके के सूर्या होटल पर रेड की और 8 आरोपियों को अरेस्ट किया। इनमें 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल थीं।
इन्हें हुई सजा शेरखान पुत्र कासिम निवासी सहारनपुर सुरेन्द्र पुत्र बिशन सिंह निवासी सहारनपुर महमूद पुत्र हसनदीन निवासी विकासनगर कादिर हुसैन पुत्र मेहंदी हसन निवासी सहसपुरसोनू पुत्र इशरत निवासी दिल्ली
मंजीत कौर पत्नी तेजेन्द्र सिंह निवासी पौंटा साहिब लता पुत्री सोनू निवासी विकासनगर ममता पत्नी सुरेंद्र निवासी विकासनगर ये किए बरी मानोज पुत्र कलमदास निवासी विकासनगर करण सिंह राणा पुत्र स्व। साहब सिंह निवासी सहारनपुर मास्टरमाइंड फरार मामले के दो मुख्य आरोपी फरार हैं, जिनके नाम सपना व आकाश हैं। वेस्ट बंगाल की दो नाबालिग पीडि़ताओं द्वारा आरोप लगाए गए थे कि आकाश उन्हें शादी और नौकरी का झांसा देकर दिल्ली लाया था, जहां से सपना उन्हें बहलाफुसलाकर दून लाई और देह व्यापार में झोंक दिया। पुलिस को 2015 से दोनों की तलाश कर रही है।