श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा की ओर से रविवार को संगम नोज के पास बड़ा धार्मिक आयोजन किया गया.


prayagraj@inext.co.inPRAYAGRAJ: श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा की ओर से रविवार को संगम नोज के पास बड़ा धार्मिक आयोजन किया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सचिव व जूना अखाड़ा के संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरी व जगद्गुरु पंचानन गिरी की अगुवाई में हजारों साधुओं को संन्यास की दीक्षा दिलाई गई। दीक्षा संस्कार के लिए उज्जैन व वाराणसी से दो सौ आचायरें को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। सबसे पहले साधुओं का क्षौरकर्म कराया गया। आचायरें ने विधि-विधान से संगम नोज पर साधुओं को स्नान कराया। उसके बाद साधुओं ने भस्म लगाया और फिर स्नान किया। फिर सभी साधुओं को गोमूत्र स्नान कराया गया। पंचामृत व पंचगव्य, जनेऊ, पलाश का दंड, कुल्हड़ का कमंडल धारण कराया गया। सबसे आखिरी में साधुओं ने अपनी दो-दो पीढि़यों का पिंडदान किया।

स्वामी अवधेशानंद जी ने दिया दीक्षा संस्कार
संगम नोज के पास जहां दोपहर में साधुओं को दीक्षा संस्कार के जरिए क्षौरकर्म व पिंडदान कराया गया। वहीं उसी स्थल पर देर शाम जूना अखाड़ा के आचार्य पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी साधुओं को दीक्षा संस्कार दिया। एक लंगोट पहनकर साधुओं ने नागा संन्यासी बनने का महत्व जाना। श्रीमहंत हरी गिरी ने बताया कि कुंभ मेला के दूसरे प्रमुख शाही स्नान पर्व के दौरान जिन साधुओं ने संन्यासी की दीक्षा ली है उन सभी को अंतिम प्रक्रिया के तहत नागा संन्यासी बनाया जाएगा।

 

Posted By: Inextlive