RANCHI : रांची सीएनटी, स्थानीयता, विधि-व्यवस्था समेत अन्य मसलों को लेकर विधानसभा में जारी गतिरोध के बीच अनुपूरक अनुदान मांगें बिना किसी चर्चा के स्वीकृत हो गई। सदन की द्वितीय पाली में विपक्ष के हो-हंगामे के बीच ध्वनि मत से 4382 करोड़ रुपये की अनुदान मांगों को स्वीकृति प्रदान की गई। झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने अनुदान मांगों पर कटौती प्रस्ताव पेश किया था जो गिर गया। मानसून सत्र के पहले दिन कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए दो दिन तय किए गए थे लेकिन चर्चा एक भी दिन नहीं हो सकी।

सर्वदलीय बैठक बेअसर

स्पीकर दिनेश उरांव ने कार्यवाही शुरू होने के आधा घंटा पूर्व सर्वदलीय बैठक की। समाधान निकालने के लिए सरकार और स्पीकर की तरफ से कई मुद्दों पर बहस कराने का सुझाव दिया गया। इसके बाद भी विपक्ष के नेता संतुष्ट नहीं हुए। जिसका असर सदन की कार्यवाही पर पड़ा। कार्यस्थगन प्रस्ताव अमान्य होने पर भी जेवीएम के प्रदीप यादव अपनी बात रखने लगे। जिसपर संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने आपत्ति जताई।

अफसर हो गए हैं बेलगाम

हेमंत सोरेन ने स्पीकर से पूछा कि चोरी छिपे सीएनटी में संशोधन हो रहा है। अफसर बेलगाम हो गए हैं। इस सवाल पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। इसके बाद झामुमो विधायक अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर हंगामा करने लगे। हंगामा को देखकर सदन की कार्यवाही साढे़ बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही भाजपा विधायक विरंची नारायण, अमित मंडल, राज सिन्हा, संजीव सिंह आदि ने विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन को गुलाब का फूल दिया। विधायकों ने सदन चलाने में मदद करने का अनुरोध किया। इस गांधीगीरी का कोई असर विपक्षी विधायकों पर नहीं हुआ.हंगामे की वजह से स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

Posted By: Inextlive