आज से 48 घंटे उपवास रह कर ट्रेन चलाएंगे लोको पायलट
- उपवास से लोको पायलट को चक्कर आने का डर हो सकता है रेल हादसा
- लोको पायलट का कहना हादसा हुआ तो रेलवे बोर्ड जिम्मेदार BAREILLY: 'मेरे पापा लोको पायलट हैं और वह आज से 48 घंटे उपवास पर रहेंगे। मैं सुरक्षित रेल-परिचालन की कामना करती हूंतनु श्रेया.' यह मेसेज एक लोको पायलट की बेटी का है। लोको पायलट अपनी मांगों को लेकर 17 से 19 जुलाई सुबह 9 बजे तक उपवास रह कर रेलवे प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताएंगे। भूखा, प्यासा रह कर ट्रेनों का संचालन करते समय लोको पायलट को किसी भी समय चक्कर आ सकता है वह बेहोश हो सकते हैं। ऐसे में कोई बड़ी अनहोनी न हो लोको पायलट की बेटी ने यह कामना की है। इन प्रमुख मांगों को लेकर आक्रोशमाइलेज दर आरएसी-1990 सिद्धांत अनुसार शीघ्र निर्धारित किए जाने, 1 जनवरी 2016 के पहले रिटायर रनिंग स्टाफ को 7 वें सीपीसी अनुसार पेंशन निर्धारण की विसंगतियों का शीघ्र निस्तारण, तीन माह के अंदर लोको रनिंग स्टाफ की मांगों पर निर्णय लेने के लिए नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल बनाए जाने, असिस्टेंट लोको पायलट का गे्रड पे 1900 से बढ़ाकर 2800 किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर लोको पायलट में आक्राेश है।
ढाई वर्ष से लिम्बत हैं मांगऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इन्हीं सब मांगों को लेकर रेल मंत्रालय एवं रेलवे बोर्ड को नोटिस दिया है। एसोसिएशन के मुरादाबाद मंडल अध्यक्ष जयपान सिंह ने बताया कि सातवें वेतनमान के तहत जो बेसिक तय किया गया है वह गलत है। जिसे ठीक किया जाए और माइलेज रेट किया जाए। यह मांग पिछले ढाई वर्ष से लम्बित चल रही है। इसके पहले राष्ट्रपति ने सात वर्ष पहले अनुशंसा की थी कि तीन माह के अंदर लोको रनिंग स्टाफ की मांगों पर निर्णय लेने के लिए नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल बनाया जाए। लेकिन यह भी अब तक नहीं बनाया गया।
200 लोको पायलट रहेंगे उपवास परलोको पायलट ट्यूजडे को सुबह 9 बजे से उपवास कर विरोध शुरू करेंगे। जो कि 19 जुलाई सुबह 9 बजे तक रहेगा। हालांकि, इस दौरान लोको पायलट ट्रेन का परिचालन जारी रखेंगे, लेकिन एक बात का डर है कि उपवास के चलते लोको पायलट को कमजोरी आ सकती है। अचानक चक्कर आ सकता है और वे बेहोश हो सकते हैं। जिससे ट्रेनों के संचालन में दिक्कत आ सकती है। ट्रेन हादसा भी हो सकता है। बरेली से करीब 200 लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और गार्ड उपवास पर रहेंगे।
हमारी बेसिक मांग को भी रेलवे प्रबंधन नजरअंदाज कर रहा है। जिसके विरोध में लोको पायलट ट्यूजडे से उपवास करेंगे। 48 घंटे तक भूखे प्यासे रह कर रेल परिचालन करेंगे।
राजेश दूबे, इंचार्ज, लोको पायलट सेक्शन