RANCHI : रिम्स में अब किसी की एंट्री आसान नहीं होगी। डॉक्टर हों या नर्स अथवा कर्मी। हर किसी के लिए आई कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। गेट पर तैनात सिक्योरिटी गा‌र्ड्स को आई कार्ड दिखाने के बाद ही वे अंदर जा पाएंगे। रिम्स प्रशासन की ओर से इस बाबत आदेश जारी करने के साथ इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। इधर, रिम्स के सभी स्टाफ्स के आई कार्ड बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अगर किसी ने आई कार्ड के लिए आवेदन नहीं दिया है और उन्हें गेट पर रोका जाता है तो यह उनकी जवाबदेही होगी।

पहचान में परेशानी

रिम्स में हर दिन हजारों की संख्या में मरीज व उनके परिजन आना-जाना करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर्स-नर्सेज के साथ सैकड़ों कर्मी भी इसी भीड़ से होकर हॉस्पिटल में एंट्री करते हैं। ऐसे में गेटों पर तैनात सिक्योरिटी गा‌र्ड्स को यह पहचान करने में काफी मुश्किलें होती है कि कौन हॉस्पिटल का स्टाफ है और कौन नहीं? इसी वजह से रिम्स कर्मियों के लिए आई कार्ड को अनिवार्य किया जा रहा है।

रिम्स में ढाई हजार हैं कर्मी

हॉस्पिटल में सीनियर डॉक्टरों की संख्या 250 के करीब है। वहीं पीजी और जूनियर डॉक्टर मिलाकर 1500 डॉक्टर है। 400 नर्स और उतने ही स्टाफ भी हॉस्पिटल में काम करते है। इसके अलावा फोर्थ ग्रेड और आउठसोर्सिग स्टाफ्स के भी जिम्मे कई काम है। लेकिन आईकार्ड नहीं होने के कारण उनकी पहचान करना मुश्किल है। ऐसे में कई बार सिक्योरिटी वाले पहचान नहीं पाते।

हर दिन आते हैं 1500 मरीज

रिम्स में इलाज के लिए हर दिन 1500 मरीज ओपीडी में आते है। वहीं, इनडोर में भी 1400 से अधिक मरीज इलाज करा रहे है। एक-एक मरीजों के साथ तीन से चार परिजन भी आते है। जिसमें पहचान करना एक बड़ी समस्या हो जाती है। यहीं वजह है कि रिम्स प्रबंधन ने आईकार्ड लगाकर ड्यूटी में आना अनिवार्य कर दिया है

Posted By: Inextlive