मार्केट में हो रही चर्चा एमपी हो ऐसा जो कराए विकास
- सिटी के डिफरेंट एरियाज की मार्केट में हो रही चुनावी चर्चा
- चुनाव को लेकर कर रहे हैं यंगस्टर्स चर्चाएं agra@inext.co.in AGRA। आगरा। यार चुनाव आ गए। देखते ही देखते पांच साल भी निकल गए। साइकिल पर हाथ रखते हुए मनोज कुमार ने अपने साथियों के साथ राजनीति की चुनावी चर्चा शुरु कर दी। फिर क्या था। शुरू हो गए बाकी सारे लोग। यह सीन था फ्राइडे को राजबब्बर मार्ग के पास स्थित मार्केट का। आइए आपको बताते हैं कि यंगस्टर्स क्या चर्चाएं कर रहे थे यहां राजनीति पर मनोज कुमार-साइकिल पर हाथ टेके हुए। भाई टाइम कैसे खिसक जाता है, पता ही नहीं लगता है। देखो चुनाव आ गए सिर पर। संतोष कुमार- हां यार ये तो है। पांच साल बीत चुके हैं चुनाव हुए। अब फिर चुनाव आ गए।रिषभ वर्मा-चर्चा में शामिल होते हुए। पांच साल निकल गए लेकिन इन पांच सालों में शहर को भला क्या मिला?
ज्ञान प्रकाश-बिल्कुल सही बात है। रिषभ मैं आपकी बात से सहमत हूं। आज भी सिटी समस्याओं से जूझ रहा है। पता नहीं हमारे नेता क्या करते हैं?संतोष कुमार-देखो भाई। काम तो जो हुए हैं वो सभी के सामने हैं। आगरा की सड़कों का हाल कैसा है, ये किसी से छिपा नहीं है।
मनोज कुमार-सड़क ही क्यों। पानी की हालत देख लो। क्या हालात हो गए हैं सिटी के? पानी कितना खराब मिलता है यहां लोगों को। इस बार चुनाव में सड़क के साथ ही साथ पानी भी बन रहा है। ज्ञान प्रकाश-कायदे से तो आगरा में इंटरनेशनल लेवल का विकास होना चाहिए। क्योंकि यहां ताजमहल है। लेकिन विकास के लिए आया हूं पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। (सिस्टम के अंगेस्ट गुस्सा व्यक्त करते हुए) मैं तो कहता हूं कि इस बार भ्रष्टाचार के मसले पर कायदे से बात होनी चाहिए। संतोष कुमार-हां ये तो है। कितने भी अच्छे प्रोजेक्ट क्यों ना बन जाएं। ईमानदारी से काम होने के बजाय घूसखोरी हावी रहेगी तब तक शहर का कोई भला नहीं हो सकता है। इसलिए इस चुनाव में हमें ऐसा एमपी चुनना है जो पूरी ईमानदारी से विकास कार्य करा सके। कमल कुमार-मेरा मानना है कि बेरोजगारी खत्म करने के लिए भी ठोस पहल होनी चाहिए। जब तक रोजगार के साधन मुहैया नहीं होंगे। तब आगरा की सूरत नहीं बदल सककती है।रिषभ वर्मा-हां यार आज लाखों की संख्या में यूथ बेरोजगार ही घूम रहा है। कोई काम-धंधा नहीं होगा तो वो क्या करेगा? क्राइम इसीलिए तो बढ़ रहा है। जो भी नेता बने उसे बेरोजगारी दूर करने के लिए भी कुछ ना कुछ जरूर करना चाहिए।
(चुनावी चर्चा करते हुए सभी यंगस्टर्स अपनी-अपनी मंजिल की ओर बढ़ गए)