Kajol chats with us on motherhood and why she won’t let daughter Nysa read this interview

अपने दूसरे बच्चे के जन्म के बाद से काजोल ब्रेक पर हैं. वह कहती हैं, ‘हां, मैंने कितने सारे ब्रेक लिए हैं.’ इसके आगे वह फटाक से जोड़ देती हैं कि कैसे हर थोड़े वक्त में लिए जाने वाले ब्रेक लाइफ को और मजेदार बना देते हैं. 


माना जाता है कि आप पैरेंटिंग के मामले में अजय से ज्यादा स्ट्रिक्ट हैं. शायद अजय को उस वक्त आपका बच्चों को डांटना अच्छा नहीं लगता जब वह घर पर होते हैं.


‘मुझे स्ट्रिक्ट होना पड़ेगा क्योंकि मैं अधिकतर घर पर रहती हूं. जब जे (अजय) रहता है तब ये प्लेटाइम होता है. हमारे बच्चों को उसकी एब्सेंस में मेरी आदत पड़ी हुई है.’
उन्हें बड़ा होते हुए देखने से क्या आपको अपना बचपन याद आता है?


मुझे मां, दादी मां, आंटी, अंकल सभी के लिए काफी बुरा लगता है. मैं अपने बच्चों से बहुत ज्यादा बिगड़ैल थी. ऑफ कोर्स, जब मेरी मां आस-पास होती थीं तो मैं सीधी-सादी बच्ची बन जाती थी, लेकिन उनके पीछे मैं किसी शैतान से कम नहीं थी.
आप इतनी बिगड़ैल थीं तो क्या आपने कभी अपने बच्चों को इसके बारे में बताया है?


मैं अपनी बेटी को ऐसा कुछ भी कभी नहीं बताने जा रही हूं. और ये जानने के लिए वह ये पेपर भी नहीं पढ़ पाएगी (हंसती है). जब मैं छोटी थी ना, अर्थक्वेक तो हमारी जिंदगी का हिस्सा थे. कभी भी किसी के भी पैरों के नीचे से जमीन निकल जाती थी. मैं हर दिन डांट खाती थी.
न्यासा, युग के लिए बड़ी दीदी का रोल प्ले करती है?


न्यासा बेहद स्पेशल बच्ची है. उसका दिमाग बेहतरीन तरीके से काम करता है. इस मामले में वह जे की तरह है, सिचुएशन को हर ओर से सोचती है. वह बहुत फ्रेंडली नहीं है और किसी से हाए तक नहीं कहेगी. वह अपने दिमाग को चीजें समझने का वक्त देती है. पर्सनैलिटी टाइप के मामले में वह युग से अलग है. युग बहुत फ्रेंडली है और लिफ्ट में मिलने वाले अजनबी लोगों तक से हैलो कहता रहता है. जब मैं न्यासा से पूछती हूं कि वह किसे ज्यादा चाहती है, तो वह देर तक सोचती है और कहती है, मुझे. मगर मुझे सच पता है.
कभी आपको बहुत ‘तेज’ कहा जाता था.


मैं अभी भी वैसी हूं. हा...हा... मैं अब एक बेहतर इंसान हूं. हालांकि मैं कुछ चीजों को ज्यादा टॉलरेट नहीं कर पाती. मेरा टॉलरेंस लेवल कई और चीजों को लेकर काफी बढ़ा भी है.
आपके फैंस आपकी फिल्मों का इंतजार करते हैं. मगर आप इतनी कम फिल्में करती हैं कि दो फिल्मों के बीच का अंतर अपने आपमें ब्रेक जैसा होता है.


मुझे इसमें मजा आता है. वैसे ये इस लिहाज से भी अच्छा है कि लोग मुझे एक गैप के बाद फिल्म में देखना एंज्वॉय करते हैं.

Posted By: Garima Shukla