फिल्‍म डी डे में अपने बोल्‍ड अवतार को लेकर चर्चा में आयीं श्रुति हसन का कहना है कि ये रोल सेंसुअस है पर इसे बोल्‍ड नहीं कहना चाहिए और अपने पर बॉलिवुड को अवाइड करने वाले चार्जेज लगने पर वो कहती हैं कि ये भी गलत है वो बस अपने साउथ के कमिटमेंटस पूरे करने में बिजी थीं.


श्रुति हसन का कहना है कि उन्होंने फिल्म्स को हमेशा इंडियन सिनेमा के तौर पर देखा है और आने वाले वक्त में भी वह हिंदी मूवीज करती रहेंगी. श्रुति हासन ने अपना हिंदी फिल्म डेब्यू अपने फादर कमल हासन की मूवी हे राम (2000) में एक कैमियो रोल से किया था. इसके बाद उन्होंने लक (2009) मूवी में फुल फ्लेज रोल किया और फिर मधुर भंडारकर की मूवी दिल तो बच्चा है (2011) में दिखाई दीं. इस एक्ट्रेस का मानना है कि उन्हें आज भी इस इंडस्ट्री में अपनी जगह बनानी है. श्रुति का कहना है, ‘मैंने यहां अपना मार्क अभी तक नहीं बनाया है. मैं काफी यंग हूं और इस इंडस्ट्री में यह सिर्फ मेरी शुरुआत है.’
श्रुति फिलहाल अपनी आने वाली मूवीज प्रभूदेवा की रमैया वस्तावैया और निखिल आडवाणी की डी डे पर फोकस कर रही हैं. श्रुति का कहना है, ‘मुझे नहीं पता कि यहां सक्सेस के लिए क्या कोई खास स्ट्रैटेजी चाहिए होती है. मैं बॉलीवुड को अवॉइड नहीं कर रही हूं बल्कि साउथ में मुझे अपने कमिटमेंट्स पूरे करने हैं.’ वैसे श्रुति अपनी अप कमिंग मूवी डी डे को लेकर काफी एक्साइटेड हैं औश्र उनका कहना है कि इस मूवी में उनका रोल सेंसुअस है बोल्ड नहीं. फिल्म में वो अजुर्न रामपाल के अपोजिट रोल प्ले कर रही हैं और मानती है कि अजुर्न ने हमेशा उन्हें काफी कंफर्टेबल फील कराया है.

Posted By: Kushal Mishra