इस नौ मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ दौरे पर थे. वे वहां से लौट आए और चीन भी पहुंच गए लेकिन उनके दौरे का असर वहां के दो कलेक्टरों पर अब जा कर हुआ है. उनके चश्‍मे से लेकर ड्रेस तक सब पर विवाद हो रहा है.


छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान गत नौ मई को जगदलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी धूप का चश्मा लगाकर करना और सही पोशाक नहीं पहनना बस्तर के कलेक्टर अमित कटारिया और दंतेवाड़ा के कलेक्टर केसी देवसेनापति को महंगा पड़ गया. राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इन दोनों कलेक्टरों को चेताया है कि भविष्य में इस प्रकार का कोई कृत्य न करें, जो अखिल भारतीय सेवा अधिकारी की गरिमा के अनुरूप न हो. उनको इस संबंध में नोटिस भेजा गया है.  
हालाकि इस मामले में दोनों कलेक्टरों का कहना है कि उन्हें अभी कोई नोटिस नहीं मिली है. सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) रूल्स 1968 के प्रावधानों के तहत अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए ड्रेस कोड तय किया गया है. ट्रेनिंग के अलावा गणतंत्र दिवस, स्वंतत्रता दिवस, राज्यपाल, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के आगमन सहित विभिन्न अवसरों पर कौन-सी पोशाक पहनना है, वह निर्धारित है. नियम के अनुसार रस्मी पोशाक पहनना जरूरी है. जबकि इन दोनों ही कलेक्टैरों इसे फॉलो नहीं किया. अमित कटारिया को तो मोदी ने उनके चश्मे के चलते हैलो दबंग कलेक्टर कह कर भी संबोधित किया था.

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Posted By: Molly Seth