2015 के इस बार के ICC क्रिकेट वर्ल्‍ड कप में खिलाड़‍ियों को लेकर एक बेहद रोचक बात निकलकर सामने आ रही है. वो है आज के खिलाड़‍ियों के पिता से उनका रिश्‍ता. आपको बता दें कि ये कोई मामूली रिश्‍ता नहीं है बल्कि यहां खास है ये कि इस बार की सीरीज में खेलने वाले कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिनके पिता भी ऐसे 50 ओवर फॉरमेट के वर्ल्‍ड कप मैच में खेलकर अपना जलवा दिखा चुके हैं. आइये नजर डालते हैं वर्ल्‍ड कप में पिता और बेटे के ऐसे जोड़ों के इतिहास पर.

रोजर बिन्नी और स्टुअर्ट बिन्नी (भारत)
खेल हो या असल जिंदगी, अक्सर स्टुअर्ट बिन्नी अपने पिता का ही अनुकरण करते हैं. स्टुअर्ट एक ऐसे ऑल राउंडर हैं, भारतीय टीम में जिनका चयन काफी विवादास्पद रहा. ट्राई सीरीज के दौरान उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को खुश कर दिया. इनके पिता रोजर 1983 वर्ल्ड कप के स्टार रहे थे. उस समय इन्हें सबसे ज्यादा 18 विकेट झटकने को लेकर लीडिंग विकेट टेकर के तौर पर जाना जाता था.   
जियॉफ मार्श और मिशेल मार्श (ऑस्ट्रेलिया)
स्टुअर्ट बिन्नी की तरह मिशेल भी वर्ल्ड कप को लेकर डेब्यू बना रहे हैं. मिशेल, एक ऐसे ऑल राउंडर, जो पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हार्ड हिटिंग बैटिंग को लेकर अपनी छाप बना चुके हैं, ऑस्ट्रेलिया को अपने ऐसे खिलाड़ी से काफी उम्मींदें हैं. मिशेल के डैड जियॉफ अपने दौर के बेहतरीन ओपनर थे. जियॉफ ने अपने समय में 13 वर्ल्ड कप मैच खेले और 48.25 के ऐवरेज पर 579 रन कमाये.
रॉड लैथम और टॉम लैथम (न्यूजीलैंड)
टॉम लैथम एक ऐसे ओपनिंग बैट्समैन हैं, जिन्होंने वन डे प्लेयर्स की तुलना में टेस्ट क्रिकेट में जीत के स्वाद को ज्यादा चखा. हालांकि इन्होंने अंडर 24 में 26 ODI के अंतर्गत सिर्फ 150 ही मैनेज करे हैं, फिर भी न्यूजीलैंड को इनसे बहुत उम्मीदें हैं. वहीं सीनियर लैथम भी एक ऑलराउंडर थे, जो अंतरराष्ट्रीय मंच को बहुत ज्यादा खुश नहीं कर सके. सात वर्ल्ड कप गेम्स में उन्होंने सबसे ज्यादा 60 पर सिर्फ 136 रन ही मैनेज किये हैं.   
क्रिस ब्रॉड और स्टुअर्ट ब्रॉड (इंग्लैंड)
वर्ल्ड कप को लेकर दोनों ही ब्रॉड्स का ठीक ठाक कॅरियर रहा है. क्रिस ने सिर्फ 1987 में बर्ल्ड कप खेला है और तीन मैचों में सिर्फ 67 रन ही जुटा सके. वहीं जेम्स एंडर्सन के बाद स्टुअर्ट 2007 में वर्ल्ड कप के दौरान दिखने वाले दूसरे नौजवान इंग्िलशमैन बनकर उभरे. उन्होंने भी सिर्फ एक मैच खेला, वो भी मेजबान वेस्टइंडीज के खिलाफ. 2011 के एडीशन में स्टुअर्ट ने तीन गेम्स खेले.
लांस केर्न्स और क्रिस केर्न्स (न्यूजीलैंड)
एक बेहतरीन स्विंग बॉलर और हार्ड हिटिंग बैट्समैन लांस केर्न्स का भी बहुत साधारण विश्व कप कॅरियर रहा है. लांस ने वर्ल्ड कप के पहले तीन एडीशन में 11 मैच खेले, लेकिन सिर्फ 43 रन ही मैनेज कर सके. इसके अलावा उन्हें बॉल के सहारे भी सफलता का कुछ अंश मिला, जब उन्होंने कुल 14 विकेट को झटकने पर अपना नाम लिखाया. वहीं जूनियर केर्न्स ने अपने पिता के रिटायरमेंट के बाद छह साल में ODI डेब्यू तैयार कर लिया. 28 वर्ल्ड कप गेम्स में क्रिस ने 565 रन (33.24 के ऐवरेज पर) और 18 विकेट (41.94 ऐवरेज पर) जुटाये. इनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन कट्टर प्रतिद्वंदी ऑस्ट्रेलिया में 1999 में सामने आया.    
डॉन प्रिंगल और डेरेक प्रिंगल (पूर्वी अफ्रीका/इंग्लैंड)
डॉन प्रिंगल 43 साल के साथ जब पूर्व अफ्रीका ने उन्हें 1975 में उद्घाटन विश्व कप के दौरान खेलने के लिये न्योता दिया. उन्होंने दो मैच खेले और 6-16 में क्लब मैच के चार महीने बाद नैरोबी में कार क्रैश के दौरान उनकी मौत हो गई. वहीं जूनियर प्रिंजल ने अपने पिता की तुलना में कम प्रसिद्धी बटोरी.

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Posted By: Ruchi D Sharma