आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2019 के दौरान शहर में सट्टेबाजी का खेल खूब चल रहा है। यहां हर रन और विकेट पर भाव बदल जाता है।

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RANCHI : इस सट्टा बाजार में हर बॉल और हर विकेट बिकाई है। बेटिंग करने के लिए गेम के दौरान भी कई सारे ऑप्शन दिए जाते हैं जिन पर लगातार बेटिंग की जाती है। गुरुवार को विश्वकप मैच में इंडिया-वेस्टइंडीज के बीच हुए मैच के दौरान सट्टेबाजी का रेट लगातार बदलता रहा। गेम की शुरुआत के साथ इंडिया ने टॉस जीतकर जब पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया तो सट्टेबाजों ने सॉफ्टवेयर को न्यूनतम 289 और अधिकतम 291 रनों के टारगेट पर फिक्स कर दिया। इस टाइम पर लगाई 1.42 और खाई 1.43 के लेवल पर था। इसका मतलब कि अगर इंडिया मैच जीतती है तो 1000 रुपये पर 420 रुपये का प्रॉफिट मिलेगा, वहीं खाई ऑप्शन में 430 रुपये लगाने पर यदि इंडिया मैच हार जाती है तो 1000 मिल सकते थे।

रोहित शर्मा आउट तो बदले रेट
इंडिया के बेस्ट बैट्समन में शुमार रोहित शर्मा ज्यादा देर तक विकेट पर नहीं टिक सके। पहले रोहित और उसके बाद राहुल और कोहली के आउट होने के साथ ही 289 रनों के लक्ष्य का सट्टा बाजार गिरकर 270 के आसपास आ गया। इसके साथ ही सट्टे का सारा समीकरण बदलता रहा। हर बॉल और विकेट पर दांव लगते रहे। खुलेआम सिस्टम की धज्जियां उड़ती रहीं और खेला चलता रहा।

इंडिया पर था जीत का दांव
सट्टा बाजार यह मानकर चल रहा था कि इंडिया की टीम इस मैच में मजबूत रहेगी जबकि वेस्टइंडीज को हार का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इंडिया के मैच जीतने पर कम लाभ जबकि वेस्टइंडीज के मैच जीतने पर 1000 रुपये के 3500 रुपये तक मिल सकते थे। इंडिया की पारी समाप्ति के बाद भी बाजार में उसका भाव की ऊंचा रहा।

पुलिस को सूचना फिर भी बेखौफ
अखबार में खबर छपने के बाद क्रिकेट के चल रहे सट्टा बाजार की जानकारी पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी हुई लेकिन उसके बावजूद गुरुवार को इंडिया-वेस्टंडीज के मैच के दौरान सिटी में सट्टेबाज और धंधेबाज दोनों एक्टिव रहे। इस मैच के दौरान लगातार सट्टेबाजी चलती रही। वहीं अधिकारियों का दावा है कि परदे के पीछे छिपे सट्टेबाज ज्यादा दिनों तक पुलिस से आंखमिचौली नहीं खेल पाएंगे।

ऐसे होता है कैश का लेनदेन
क्रिकेट की सट्टेबाजी के पीछे साइबर एक्सपर्ट की टीम के साथ साथ इसमें लोकल लेवल के वेंडर भी शामिल हैं। इन वेंडरों ने कई इलाकों में अपने बुकी रखे हैं जो लोगों से उनकी गाढ़ी कमाई का रुपये लेकर इन वेंडरों तक पहुंचाते हैं। इन वेंडर्स से यह रुपये रांची के मुख्य वेंडर तक पहुंचता है जिसके बाद रकम देने वाले व्यक्ति के वॉयलेट में कैश क्रेडिट हो जाता है। यह कैश वॉयलेट में स्कोर (प्वाइंटस)की तरह दिखाई देता है जबकि वास्तव में यह कैश का फीगर दर्शाता है।

Posted By: Inextlive