सेंट मेरीज एकेडमी के वैदिक अग्रवाल ने दिल्ली एनसीआर में टाॅप किया। वैदिक के दादाजी मेरठ कॉलेज के फार्मर प्रिंसिपल रह चुके हैं...

MEERUT: कहते हैं कि बेटा हमेशा पिता से दो हाथ आगे ही रहता है. आईसीएसई में दिल्ली एनसीआर टॉपर वैदिक अग्रवाल ने यह बात साबित भी कर दी है. वेदिक के पिता डॉ. दीपक अग्रवाल 1987 में आईसीएसई और 1989 में आईएससी में टॉपर रह चुके हैं. वहीं वैदिक ने एनसीआर टॉप करके परंपरा में एक माइल स्टोन जोड़ दिया हैं. वेदिक ने सेंट मेरीज एकेडमी से 98.8 प्रतिशत अंक हासिल कर एनसीआर टॉप किया है. जबकि उसके चाचा रूपक अग्रवाल भी 1988 और 1990 में टॉप कर चुके हैं.

मेडिकल फील्ड है पहली पसंद
10वीं के बाद वैदिक मेडिकल फील्ड ऑप्ट करना चाहता है. पिता डॉ. दीपक अग्रवाल बाल रोग विशेषज्ञ हैं. जबकि मदर डॉ.सारिका अग्रवाल गायनी हैं. अब वह खुद भी मेडिकल फील्ड में जाना चाहता है. वैदिक का कहना है कि इस फील्ड में जाना उसकी खुद की च्वाइस है और आगे जाकर वह रिसर्च में है.

ऑल राउंडर है वैदिक
स्टडीज के अलावा वैदिक म्यूजिक और गेम्स में काफी रूचि रखता है. बकौल वैदिक मुझे गिटार का बहुत शौक है और क्लास 5 से ही गिटार की प्रैक्टिस कर रहा हूं.तीन साल स्कूल बैंड में भी रहा. बोर्ड की वजह से इस साल छोड़ना पड़ा. उसने कहा कि एग्जाम के स्ट्रेस को कम करने में इसने काफी सहयोग दिया. इसके अलावा क्रिकेट का भी वेदिक का बहुत शौक है.

मेरठ कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल हैं दादा जी
वैदिक के दादाजी डॉ. एसके अग्रवाल 2003 से 07 तक मेरठ कॉलेज के प्रिंसिपल रह चुके हैं. वह कहते हैं कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनका पोता टॉप करेगा. घर में टॉप करने की ही परंपरा है. जबकि वैदिक के गै्रंड दादाजी डॉ. केडी अग्रवाल 1957 डीएन कॉलेज के संस्थापक प्रिंसिपल रह चुके हैं. शिक्षा के माहौल ने ही वैदिक को सफलता दिलवाई है.

रेग्यूलर पढ़ाई से जीत हासिल
वैदिक ने रेग्यूलर पढ़ाई से जीत हासिल की है. वह कहता है कि सफल होने के लिए सिर्फ फोकस्ड होना जरूरी है. स्ट्रेस फ्री और रेग्यूलर स्टडीज ही उसका मूलमंत्र है. इस बीच उसने पढ़ाई और गेम्स दोनों को ही बैलेंस किया. सिर्फ किताबी कीड़ा बनकर ही पढ़ाई नहीं की.

स्कोर कार्ड

साइंस 99

मैथ्स 99

इंग्लिश 96

सोशल साइंस 100

कंप्यूटर्स 100

Posted By: Lekhchand Singh