खुदा के सजदे में झुके हजारों सर
खुदा के सजदे में झुके हजारों सर
सिटी में कई दिनों से चल रही बकरीद की तैयारियां वेडनेसडे को पूरी हो गई। सुबह से लेकर शाम तक सिटी के हर गली-नुक्कड़ पर बकरीद का जश्न दिखा। मस्जिदें नमाजियों से पटी रहीं और घरों में पकवान बनने का सिलसिला जारी रहा।
दी गई कुर्बानी
नमाज के बाद कुर्बानी के वक्त में बकरों की हलाली की गई। जुगसलाई में रहने वाले तबरेज ने बताया कि हलाल किये जाने वाले बकरे को दो बराबर पार्ट्स में बांटा जाता है जिसमें से एक हिस्सा घर के लिए रखा जाता है जबकि दूसरा पार्ट बांट दिया जाता है। वहीं मानगो में रहने वाले दिल नवाज ने बताया कि बकरीद खुशी का फेस्टिवल है और हम इसे ईद की तरह ही मनाते हैं। ईद की तरह बकरीद में भी सेवइयां जरूर बनती हैं। साथ ही स्पेशल खाना भी बनाया जाता है। मानगो में ही रहने वाले परवेज ने कुर्बानी की इंपोर्टेंस को बताते हुए कहा कि जिन लोगों को पैसा है, उन्हें कुर्बानी जरूर करनी चाहिए। उनके मुताबिक एक कुर्बानी के साथ सात लोगों का नाम अदा किया जाता है। अगर फैमिली में मेम्बर्स ज्यादा हों तो ज्यादा बकरे भी हलाल किये जा सकते हैं।
मस्जिदों में पढ़ी गई नमाज
वेडनेसडे को सुबह से ही मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ उमडऩे लगी। सिटी की तमाम मस्जिदों में नमाज अता की गई। नमाज के लिए सबसे ज्यादा पब्लिक ईदगाह, आमबागान मस्जिद, कदमा मस्जिद और जुगसलाई मस्जिद में रहीं। सुबह सात बजे से लेकर 11 बजे तक
चली इस नमाज में हजारों लोगों ने नमाज अता की।