यह है अन्ना का गांव
हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के रालेगांव सिद्धी की. वैसे तो इस गांव को पूरी दुनिया अन्ना हजारे की वजह से पहचानती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इस गांव को आर्दश गांव भी कहा जाता है. दरअसल यह केवल कहने के लिए गांव है. यहां वह सारी सुविधा उपलब्ध है, जो देश के हर शहर को शायद नसीब भी नहीं होती है. साफ़-सुथरी सड़कें, चारों और हरियाली, पक्के मकान, दुकानों में सिगरेट, बीड़ी और पान का न बिकना यही इस गांव की पहचान है. यहाँ हर तरह की दुकानें हैं और लोग समृद्ध नज़र आते हैं.
यहां जल संरक्षण व हरियाली के लिए किये गये कार्यो को आज भी पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि व सरकारी अधिकारी याद करते है. इसी कारण डीआरडीए के अधिकारी पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सरकारी खर्च पर रालेगांव की सैर कराते रहे है. कॉपरेटिव कंज्यूमर सोसाइटी, कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी, कॉपरेटिव डेरी जैसी कई चीजें आपको यहां देखने को मिलेगी, जिसके बारे में बस केवल सोचा जाता है, उसे यहां जमीनी हकीकत में बदला गया है.
यहां हर डेवलपमेंट वर्क को ग्राम सभा मंजूरी देती है. पिछले 15 सालों से देश और विदेशों से हजारों लोग इस गांव की डेवलपमेंट मैनेजमेंट को देखने आ चुके हैं, खासकर वाटरशेड प्रोजेक्ट को देखने और समझने के लिए यहां लोग आते हैं.बैंक और इंटरनेट @ रालेगांव सिद्धी