- प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश पर की थी वैकल्पिक व्यवस्था

- हाईकोर्ट के आदेश और प्रशासनिक व्यवस्था को दरकिनार कर हुआ मूर्ति विसर्जन

GORAKHPUR : नवरात्रि में मां को नौ दिन पूजते हैं, अपनी श्रद्घा और आस्था का संगम कर मां की प्रतिमा स्थापित करते हैं। लेकिन जब दसवें दिन मूर्ति विसर्जन की बात आती है तो सारी आस्था और श्रद्घा का नाश हो जाता है। मां की भक्ति तो एक तरफ, सामान्य नियम-कायदे और अदालतों के आदेश तक ताक पर रख दिए जाते हैं। सिटी में भी नवरात्रि के बाद हुए मूर्ति विसर्जन में कुछ ऐसा ही हुआ। फ्राइडे से ही सिटी में मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने जिस जगह व्यवस्था की थी, उसे दरकिनार कर फिर राप्ती को मैला किया गया। प्रशासन द्वारा निर्धारित डोमिनगढ़ स्थित तालाब की बजाय राप्ती पर बने राजघाट और महेसरा पुल से ही मूर्तियों को नदी में फेंक दिया गया। प्रशासन का अपमान तो किया ही, देवी का भी अपमान कर दिया।

करीब क्ख्00 मूर्तियां हुई राप्ती में विसर्जित

सिटी में लगभग ख् हजार से ज्यादा जगहों पर मूर्तियां स्थापित की गई थीं। इनमें से करीब क्ख्00 आयोजकों ने प्रशासन से मूर्ति स्थापना की परमिशन ली थी। प्रशासन ने विसर्जन के वक्त पूर्व की घटनाओं को देखते हुए आयोजकों के साथ मीटिंग करके व्यवस्थित रूप से मूर्ति विसर्जन कराने का भरोसा दिया था। प्रशासन की ओर से डोमिनगढ़ में मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था कराई गई, लेकिन सिटी की ज्यादातर मूर्तियों का विसर्जन हमेशा की तरह राप्ती में ही किया गया। राजघाट पुल पर सबसे ज्यादा करीब 900 मूर्तियां विसर्जित की गई। वहीं महेसरा पुल पर भी लगभग फ्00 मूर्तियां विसर्जित हुई। प्रशासन की मानें तो आस्था की बात होने के कारण किसी पर कार्रवाई नहीं की जा सकती।

क्या हैं गाइडलाइंस

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अगस्त ख्0क्ब् में नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल को दिए एफिडेविट में मूर्ति विसर्जन को लेकर गाइडलाइंस इश्यू की थीं। जो इस प्रकार हैं।

- सिफ नैचुरल मैटेरियल्स से बनी मूर्तियां ही विसर्जित की जाएंगी।

- पूजा का सामान जैसे फूल, वस्त्र, श्रृंगार सामग्री विसर्जन से पहले उतार ली जानी चाहिए।

-?मूर्तियां विसर्जित करने के लिए एक स्थान निर्धारित किया जाए जहां बैरीकेडिंग लगाकर मूर्तियां इकट्ठा करने की व्यवस्था हो।

- विसर्जन के ब्8 घंटों के भीतर मूर्तियां विसर्जन स्थल से हटा ली जानी चाहिए।

कहां कितनी मूर्तियां हुई विसर्जित

प्लेस मूर्तियां

राजघाट 900

महेसरा फ्00

डोमिनगढ़ 70

नोट- विसर्जित मूर्तियों का आंकड़ा लगभग में है।

इस बीच करना था मूर्ति विर्सजन

ज्योतिषाचार्य पं। शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के लिए श्रवण नक्षत्र उत्तम माना गया है। चूंकि शुक्रवार की शाम म्.0क् से शनिवार शाम ब्.ख्ब् बजे के बीच श्रवण नक्षत्र था, इसलिए इस बीच मूति विसर्जन किया गया। लेकिन सिटी में सैटर्डे मुहूर्त खत्म होने के बाद भी देर रात तक मूर्ति विसर्जन का सिलसिला चलता रहा।

जो मूर्तियां हमेशा से डोमिनगढ़ में विसर्जित की जाती थी, उन्हीं के लिए व्यवस्था की गई थी कि मूर्तियां नदी की बजाय तालाब में विसर्जित की जाएं। प्रशासन की यह मंशा सफल रही। पहली बार में 70 से अधिक मूर्तियां तालाब में विसर्जित हुई हैं।

रंजन कुमार, डीएम

महंत बनने के बाद पहली बार किया दुर्गा पूजन

उत्तराधिकारी से महंत बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने पहली बार मंदिर दूर्गा पूजन किया और परंपरा के अनुसार मंदिर से निकलने वाली शोभायात्रा का नेतृत्व भी किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उनके साथ उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive