क्रिकेट जगत में बहुत खिलाड़ी आए व गए मगर पहचान सिर्फ उन्हें मिली जो कुछ खास कर गए। ऐसा ही कुछ अनोखा काम किया था पूर्व भारतीय क्रिकेटर इफ्तिकार अली खान पटौदी ने जिनका आज जन्मदिन है। पटौदी भारत के इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारत के अलावा इंग्लैंड के लिए भी टेस्ट मैच खेला।


कानपुर। 16 मार्च 1910 को पंजाब में जन्में इफ्तिकार अली खान पटौदी के नवाब थे। इफ्तिकार को क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था यही वजह है कि भारतीय होने के बावजूद उन्हें विदेशी टीम की तरफ से क्रिकेट खेलने में कोई आपत्ति नहीं हुई। इफ्तिकार ने अपने क्रिकेट करियर का आगाज इंग्लैंड के साथ किया था मगर जब वह रिटायर हुए तब भारत के लिए खेलते थे। इफ्तिकार के बेटे मंसूर अली खान पटौदी भी भारतीय क्रिकेटर थे मगर मंसूर की तरह इफ्तिकार का टेस्ट करियर ज्यादा लंबा नहीं चला। दाएं हाथ के बल्लेबाज इफ्तिकार के खाते में सिर्फ छह टेस्ट आए।डेब्यू टेस्ट में ठोंका शतक


क्रिकइन्फो पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इफ्तिकार अली खान ने साल 1932 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में इंग्लैंड के लिए पहला टेस्ट खेला था। पहले ही मैच में इफ्तिकार ने शानदार शतक लगाया। पहली पारी में उनके बल्ले से 102 रन निकले और वह डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले चुनिंदा बल्लेबाजों में शामिल हो गए। पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद इफ्तिकार को दूसरे टेस्ट में ड्राॅप कर दिया गया। हालांकि उन्होंने इंग्लैंड के लिए कुल तीन टेस्ट खेले जिसमें 144 रन बनाए। 12 साल तक रहे इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर

एक टीम से दूसरी टीम में आने को इफ्तिकार अली खान को 12 साल का वक्त लगा। इस दौरान उन्होंने कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला। साल 1934 में इंग्लैंड के लिए आखिरी टेस्ट खेलने के बाद 1946 तक इफ्तिकार टेस्ट क्रिकेट से दूर रहे। 1946 में खेला भारत के लिएइफ्तिकार को 22 जून 1946 को भारत के खिलाफ उन्हें पहला टेस्ट खेलने को मिला। हैरानी की बात ये है कि उन्होंने भारत के लिए पहला मैच अपनी पुरानी टीम इंग्लैंड के विरुद्घ खेला। लाॅर्ड्स में खेले गए इस मैच में वह कुछ करिश्मा नहीं दिखा पाए और 9 रन पर आउट हो गए। इफ्तिकार ने भारत की तरफ से तीन टेस्ट खेले और तीनों में भारतीय टीम की कमान संभाली। जिसमें कुल 55 रन बना पाए।पोलो खेलते हुए गंवाई थी जानइफ्तिकार अली खान पटौदी का निधन कम उम्र में ही हो गया था। साल 1952 में दिल्ली में पोलो खेलते वक्त इफ्तिकार को दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने दुनिया का अलविदा कह दिया। उनके जाने के बाद बेटे मंसूर अली खान पटौदी ने भारतीय क्रिकेट में खूब नाम कमाया। विदेश में भारत को पहली जीत दिलाने वाले कप्तान मंसूर अली खान ही थे।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari