आई नेक्स्ट इंपैक्ट

-आईजी, डीआईजी और एसएसपी पहुंचे खुल्दाबाद थाना

-आईजी की चेकिंग में खुली थाने की पोल पट्टी

-एसएसपी को दिया थानेदार के खिलाफ जांच का आदेश

ALLAHABAD: इलाहाबाद के सभी फ्9 थानों के थानेदार जरा ध्यान दें। पुलिसिंग सुधार लें और प्रोफेशनल बनें। नहीं तो खैर नहीं है। आईजी के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं तो खामियाजा भुगतने को तैयार रहें। थानों की बदहाल स्थिति और थानेदारों की कार्यशैली चेक करने फ्राइडे को आईजी खुद खुल्दाबाद थाने पहुंच गए। देखते ही देखते उन्होंने पुलिस स्टेशन की पोल खोल दी।

सिर्फ खामिया ही खामिया

फ्राइडे को आईजी बृजभूषण शर्मा ने खुल्दाबाद थाने को चेक करना तय किया। आईजी के साथ डीआईजी भगवान स्वरूप और एसएसपी वीरेन्द्र श्रीवास्तव भी थाने पहुंच गए। ऑफिसर्स ने थाने की एक-एक चीज को बारीकी से चेक करना शुरू कर दिया तो पता चला कि थाने के अंदर सिर्फ खामियां ही खामियां हैं।

बिल्डिंग का भी जायजा लिया

ऑफिसर्स थाना कैंपस में बनी उस बिल्डिंग को भी देखने पहुंचे थे जहां पर बारजा गिरने से तीन लोग जख्मी हो गए थे। उस घटना के बाद कांस्टेबल रोहित के घर वाले पांच घंटे तक रूम में फंसे रहे। बिल्डिंगों की जर्जर स्थिति देखकर आईजी भी दंग रह गए। लेकिन, उनका गुस्सा गंदगी देखकर और भड़क उठा।

आईजी ने गिनाई खामियां

क्। ऐसा लग रहा था कि जैसे महीनों से यहां सफाई नहीं हुई हैं। पुलिस क्वार्टर को लोगों ने कूड़ा घर बनाकर रख दिया है और उसी में रहते हैं।

ख्। आदेश था कि हर महीने थानेदार कम से कम एक गाड़ी का निस्तारण जरूर करे। इसके बाद भी एक भी गाड़ी का निस्तारण नहीं हुआ और यह थाने में सड़ रही हैं।

फ्। पब्लिक को सबसे ज्यादा प्राब्लम अपने काम को लेकर होती है। थाने में पासपोर्ट या कैरेक्टर वेरिफिकेशन बिना जुगाड़ के नहीं हो रहा। इसकी गवाही पेंडिंग फाइलें दे रही हैं।

ब्। थानेदारों को आदेश हैं कि वह अपने एरिया के हिस्ट्रीशीटर और गुण्डा बदमाशों पर कार्रवाई करें। चिन्हित करें और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाएं। बीट के सिपाहियों को जिम्मेदारी सौंपें। इस मामले में भी थानेदार फेल हो गए।

भ्। आदेश हैं कि कोई पीडि़त व्यक्ति थाने पहुंचता है तो उसकी शिकायत रजिस्टर बनाकर उसमें भी नोट करें। फिर उसके निस्तारण की डिटेल लिखे। ताकि यह पता चल सके कि लोगों की प्राब्लम क्या हैं। थाने में यह रजिस्टर बना ही नहीं था।

म्। थानेदारों को बताया गया है कि वह पब्लिक को मदद करें। पब्लिक का अप्लीकेशन मिलने के बाद उसे एक रसीद भी दें जिससे उसे पू्रफ मिल सके कि वह थाने में शिकायत किया है। यह काम भी यहां नहीं हो रहा था।

7. सभी थानेदार को हर महीने अपने एरिया की एक चौकी का मुआयना करना होता है। जिससे यह पता चल सके थाने के मुंशी, दरोगा और बीट के सिपाहियों का एक महीने का क्या आउट पुट रहा। इस मामले में भी खुल्दाबाद की वर्किंग जीरो रही।

8. प्रोफेशनल बनने से ऑफिसर्स का तात्पर्य वर्किंग स्टाइल सुधारने से है। लॉ एंड आर्डर के अलावा थाने की जिम्मेदारियों को भी उन्हें ही निभानी है। स्मार्ट वर्क नहीं है तो थानेदारी करने का क्या फायदा।

खुल्दाबाद थाने के निरीक्षण में खामियां ही खामियां मिली हैं। इसकी जांच के लिए एसएसपी को बोला है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करना एसएसपी का काम है। यही हाल बाकी थानो का है तो वहां भी चेकिंग कराई जाएगी।

-बृज भूषण शर्मा

आईजी इलाहाबाद

Posted By: Inextlive