सील करने के बाद भी काम करने की अथॉरिटी
- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में खबर पब्लिश होने के बाद बीडीए ने किया सील
- बिल्डिंग ओनर शिवकुमार फिर भी लगातार करा रहा निर्माण BAREILLY: सिकलापुर में अवैध इमारत पर कार्रवाई को लेकर बीडीए के अफसर नूराकुश्ती का खेल खेल रहे हैं। अवैध निर्माण से बचाने के लिए अधिकारियों ने पहले कम्पाउंडिंग का खेल किया। अवैध निर्माण की गिरी दीवार ने जब मिलीभगत की पोल खोल दी, तो हरकत में आए अफसरों ने वेडनसडे को अवैध बिल्डिंग के खुले दरवाजे पर सील लगा दिया। दिखावे की इस कार्रवाई के सच दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने अपने कैमरे में कैद कर लिया, तो अफसरों की कार्रवाई पर बड़े सवाल खड़े हो गए। क्योंकि सीज बिल्डिंग में निर्माण कार्य जारी था। जिस तरीके से सील बंदी की कार्रवाई की गई है वह खुद लूप होल्स को बयां कर रही है। तीन की परमिशन चौथी मंजिला का निर्माणसिकलापुर में बन रही यह बिल्डिंग तो वैस शिव फोम के ओनर शिवकुमार जायसवाल की है। स्थानीय लोग इसे रसूख की बिल्डिंग करार दे रहे हैं। लोगों की मानें तो इस कॉमर्शियल बिल्डिंग शहर के कई लोगों का रुपया लगा है। रसूख के दम और अधिकारियों की मुट्ठी गरम कर बिल्डिंग ओनर ने तीन मंजिला बिल्डिंग का नक्शा स्वीकृति कराकर चौथी मंजिल का निर्माण करा दिया। इतना ही ग्राउंड फ्लोर पर ही बीम बाहर निकालकर करीब चार फीट छज्जा निकाल लिया। इसके अलावा नगर निगम के नाले पर भी कब्जा कर लिया था। इस बात से बीडीए के जेई से लेकर ऊपर तक के अफसर वाकिफ थे। लिहाजा, अपनी कलम बचाने के लिए उन्होंने कम्पाउंडिंग की कार्रवाई की थी। बिल्डिंग की दीवार ढहने पर दिखावे के लिए वह फिर एक्शन में आए।
सिर्फ पट्टी पर सील ताला खुला मिलीभगत का आलम यह है कि बीडीए के अफसरों ने सील की कार्रवाई करते हुए सिर्फ एक एंट्री गेट पर सील लगाई। वह भी खुले दरवाजे पर जिससे कोई भी आ-जा सकता है। सिर्फ पट्टियों पर ही सील लगाकर छोड़ दिया। गेट की सिटकनी तक बंद नहीं किया। इस बिल्डिंग में सील दरवाजे के अलावा भी दो एंट्री प्वाइंट है, जिसे अफसरों ने सील बंद करने की जहमत नहीं उठाई। इससे साफ है कि अफसर सीलबंदी के नाम पर भी कोरम पूरा कर गए। पुलिस के ऊपर फोड़ा ठीकराजब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इस बारे में बीडीए उपाध्यक्ष डॉ। सुरेंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्होंने सचिव और अधीक्षण अभियंता को भेजकर बिल्डिंग को सील कराया है। उसमें तो काम कर ही नही सकते। जब टीम ने सचिव और अधीक्षण अभियंता से बात की तो उन्होंने कहा कि जब वो सील करने गए थे उसके अंदर काम नहीं चल रहा था। उन्होंने पूरी बिल्डिंग को सील किया। फिर उन्होंने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि यदि अब भी निर्माण कार्य चल रहा है तो उसके लिए एसएसपी और संबंधित थाना के लिए लेटर भेज दिया है।
बिल्डिंग को सील करा दिया गया है। बीडीए सचिव और अधीक्षण अभियंता उसे सील करने के लिए गए थे। और उसके बाद भी उसमें काम हो रहा है। तो मैं फिर से उसे दिखवाता हूं सुरेंद्र कुमार, बीडीए उपाध्यक्ष जिस समय हम लोग बिल्डिंग को सील करके आए थे उस समय पूरी बिल्डिंग खाली थी। उसमें काम नहीं चल रहा था। यदि सील होने के बाद भी उसमें निर्माण कार्य हो रहा है। तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। सुरेंद्र प्रसाद सिंह, बीडीए सचिव हमने रास्ता सील किया था। यदि उसके अंदर फिर भी काम चल रहा है इसका मतलब उन्हे बीडीए का डर नही है। आज ही उन पर एफआईआर कराता हूं। आरके जायसवाल, अधीक्षण अभियंताबीडीए ने कोई लेटर भेजा है, तो वह अभी रिसीव नहीं हुआ है। रही बात अवैध निर्माण की, यदि बीडीए शिकायत करता है, तो वह जरूर कार्रवाई करेंगे।
एसएचओ बारादरी बीडीए को देने होंगे इन सवालों के जवाब - बिल्डिंग सील करते वक्त मजदूरों को क्यों बाहर नहीं किया गया। - रिबन पर ही सील लगाकर क्यों छोड़ दिया गया। - दरवाजे पर लगे ताले को क्यों सील नहीं किया गया। - सील करते वक्त गेट को लॉक क्यों छोड़ दिया - बिल्डिंग के सभी एंट्री प्वाइंट को क्यों सील क्यों नही किया गया।