- एमडीडीए में अटके हैं प्लॉटिंग के 422 केस

- इनमें कई के हो चुके हैं ध्वस्तीकरण के आदेश

- आशियाना खरीदने से पहले करें उसका पूरा वैरिफिकेशन

- बिना एमडीडीए नक्शा पास कराए काटी जा रही कॉलोनी

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DEHRADUN: भू-माफिया दून में अवैध प्लॉटिंग कर लोगों के 'सपनों का महल' धूमिल करने की तैयारी में है। कृषि भूमि को माफियाओं ने धोखे से आवासीय जमीन बताकर बेचना शुरू कर दिया है, जबकि इनके लैंडयूज चेंज करने को मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अभी तक हरी झंडी नहीं दिखाई है। ऐसी कई प्लाटिंग को अवैध करार देते हुए एमडीडीए ने उनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

कृषि भूमि पर जमकर हो रही प्लॉटिंग

कैपिटल सिटी की प्रॉपर्टी में दिल्ली से लेकर नॉर्थ इंडिया के सभी बड़े शहरों के पैसे वालों की दिलचस्पी होने के कारण प्रॉपर्टी डीलिंग यहां पर बड़ा व्यवसाय बन चुका है। ऐसे में यहां बड़े पैमाने पर भूमाफिया सक्रिय हो गए हैं, जो कृषि की उपजाऊ जमीन को लैंडयूज चेंज कराए बिना ही प्लॉटिंग में बदलकर जमकर कमाई कर रहे हैं। हालांकि ऐसे सभी मामलों में बाद में जमीन खरीदने वालों को परेशानी भुगतनी पड़ रही है।

ब्ख्ख् प्लाटिंग हैं इस समय 'अवैध'

वर्तमान स्थिति देखें तो एमडीडीए में इस वक्त ब्ख्ख् प्लाटिंग के आवेदन ऐसे हैं, जिनका अभी तक न तो नक्शा पास हुआ है और न ही इनका लैंडयूज चेंज कराया गया है। इन सभी ब्ख्ख् प्लॉटिंग की एक लिस्ट एमडीडीए से 'आई नेक्स्ट' को मिली है, जिसे जगह की कमी के कारण यहां देना संभव नहीं है। लेकिन इसमें शहर का शायद ही कोई हिस्सा बचा हुआ है। इन सभी एरिया में बड़ी संख्या में ऐसी प्लॉटिंग की है, जिनका नक्शा पास करने से ही एमडीडीए अधिकारियों ने इनकार कर दिया है और इन्हें पूरी तरह नियमों के खिलाफ बताते हुए अवैध करार दे दिया है। एमडीडीए की जांच में इन प्लॉटिंग को बनाने में की गई तकनीकी खामियां सामने आने को इसका कारण बताया जा रहा है। लेकिन ऐसी अवैध प्लॉटिंग के जरिए ही भूमाफिया लोगों से धोखा कर मोटी कमाई कर रहे हैं।

इन एरिया में हैं सारी अवैध्ा प्लॉटिंग

शिमला बाईपास रोड, बाईपास रोड, अजबपुर खुर्द, हर्रावाला, बालावाला, हरिद्वार रोड, कारगी ग्रांट, मोथरोवाला रोड, बंजारावाला, रिंग रोड, किशनपुर, माजरा, ब्राह्मणवाला, क्लेमेंटाउन, न्यू सहस्त्रधारा रोड, सुभाषनगर, मोहकमपुर, डिफेंस कॉलोनी, दूधली, बद्रीपुर, मियांवाला, मोहब्बेवाला, नवादा, माजरी माफी, राजपुर रोड, सहस्त्रधारा-राजपुर बाइपास आदि।

ऐसे करते हैं धोखा

कृषि भूमि को सस्ते दामों पर खरीदने के बाद उस पर काट रहे हैं प्लॉट

- कृषि भूमि पर प्लॉटिंग करने के लिए उसका लैंडयूज आवासीय में तब्दील कराने की नहीं उठा रहे जहमत

- अधिकतर ऐसे मामले हैं शहर के बाहरी क्षेत्रों में पुरानी ग्राम पंचायतों से जुड़े

- एमडीडीए और तहसील के अधिकारी भी होते हैं प्लॉटिंग के इस खेल में शामिल

- ऐसे प्लॉट्स की बिक्री भी होती है अवैध, लेकिन इस पर भी कोई अधिकारी नहीं करता है कार्रवाई

- लाखों रुपये खर्च करने के बाद ऐसे प्लॉट लेने वाले लोगों को बाद में काटने पड़ते हैं तहसील और एमडीडीए के चक्कर

इन बातों का रखें ध्यान

प्लॉट खरीदने से पहले देखें जमीन का लैंडयूज

रजिस्ट्री कराने से पहले लें एमडीडीए और तहसील के रिकॉर्ड से पूरी जानकारी

विक्रेता से दी गई जानकारी की करें तफ्तीश

पूरी स्टाम्प ड्यूटी चुका कर ही खरीदें प्लॉट

तहसील से किसी भी जमीन के खसरा नंबर का ख्0 साल का रिकॉर्ड भी लेकर कराएं वेरिफाई

बिना जमीन का स्वरूप परिवर्तित कर अगर कहीं प्लॉटिंग की जा रही है तो वह गैर कानूनी है। ऐसा करने वालों से अनुमति संबंधी कागजातों की जांच की जाती है। एमडीडीए में इस वक्त प्लॉटिंग के ब्ख्ख् आवेदनों की जांच हो रही है। इनमें बड़ी संख्या में आवेदन गलत पाए गए हैं।

- बंशीधर तिवारी, सचिव, एमडीडीए

Posted By: Inextlive